रिलायंस पावर के खिलाफ एक जुट होकर ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन,सौपा ज्ञापन
जिला पंचायत सदस्य संदीप शाह की अगुवाई में कई गांव के सरपंच व ग्रामीण शामिल रहे

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। रिलायंस पॉवर के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों व किसानों का गुस्सा फूटा। लगातार रिलायंस पॉवर के ऐश डैम टूट कर लोगों के घरों व खेतों को बर्बाद कर रहे हैं। इसके विरोध में कई ग्राम पंचायत के सरपंच, जनपद, जिला पंचायत सदस्य के नेतृत्व में निकाली ट्रैक्टर रैली कलेक्ट्रेट का किया घेराव किया। संदीप शाह जिला पंचायत सदस्य की अगुवाई में ये विरोध प्रदर्शन किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार हर्रहवा गांव में रिलायंस का डैम लगातार स्थानीय लोगों व किसानों को परेशान कर रहा है। पहले भी रिलायंस का डैम टूटने से हर्रहवा के ग्रामीणों व किसानों की खेती बारी बर्बाद हो गई थी। इसके विरोध में भी स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। इसी तारतम्य में इस वर्ष भी रिलायंस का डैम फिर कही हिस्सों में टूट टूटकर लोगों के घरों राखड़ लेकर पहुंच रहा है जिससे गांववासी लगातार इससे प्रभावित हो रहे हैं। जिसके विरोध में आज शासन शिवपहड़ी से संदीप शाह जिला पंचायत सदस्य की अगुवाई में लगभग 40-50 ट्रैक्टरों के साथ शासन शिवपहड़ी गांव से रिलायंस के विरोध में कलेक्टर सिंगरौली को ज्ञापन देने चले थे। इस दौरान संदीप शाह साइकिल से निकले और उनके साथ साथ कई ग्राम के सरपंच, जनपद सदस्य उनके साथ चलते रहें। थोड़े विरोध के बाद कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे विस्थापित व स्थानीय लोगों ने ज्ञापन सौंपा।
रिलायंस पॉवर के विरोध में शासन व शिवपहड़ी हर्रहवा के ग्रामीण अपना विरोध दर्ज कराने कलेक्ट्रेट कार्यालय सिंगरौली पहुंच कलेक्टर को इसके विरोध में ज्ञापन सौपना था लेकिन विरोध का काफिला जब गनियारी नो इंट्री के पास पहुंच तो भारी पुलिस की मौजूदगी पर उन्हें वहीं रोक दिया गया। जब उन्हें रोका गया तो इसका उन्होंने विरोध में पुलिस प्रशासन पर दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक से हुई बात के बाद उन्हें अपने साथ 10 ट्रेक्टरों के साथ अपना ज्ञापन सौंपने के लिए जाने देने हेतु राजी हुए। रिलायंस पॉवर के विरोध में पुलिस बल आज एकदम मुस्तैद दिखा और किसानों और स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए गनियारी नो इंट्री जोन में भारी पुलिस बल मौजूद रही। किसी भी प्रकार से कोई भी वाद विवाद की स्थिति पैदा न हो इसके लिए कई थानों के टीआई भी यहां मौजूद रहे। हलांकि समझाइश देने के बाद उन्हें 10 ट्रेक्टरों की अनुमति मिलने के बाद वे कलेक्ट्रेट कार्यालय के लिए निकल पड़े।
जानकारी के अनुसार जब से यहां के लोग रिलायंस पॉवर के विस्थापित हुए तब से कंपनी द्वारा उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रही है। जिससे यहां के विस्थापितों को रिलायंस पॉवर के खिलाफ खासा रोष नजर आ रहा है। विस्थापतों ने बताया कि ग्राम के लोगों के अभी भी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं सही तरीके से नहीं मिल पा रही है और तो और कई बार बांध के टूट जाने से डैम का राखड़ हमारे खेतों व घरों में घुस सभी कुछ बर्बाद कर रहा है। ऐसे में अगर कंपनी हम विस्थापितों को ऐसी सुविधाएं नहीं दे पा रही है तो हमारी जमीने कंपनी क्यों ली है हम जिस हाल में थे वैसे ही ठीक थे कम से कम हमारी रोजी रोटी तो अच्छे से चल रही थी। अब तो हालात ऐसे हैं कि सही तरीके न तो यहां रह सकता है इंसान न ही खेती किसानी भी कर पा रहा है। प्रशासन को चाहिए की कंपनी के खिलाफ कर्रवाई कर लोगों को सुविधाएं व राखड़ डैम से हो रहे नुकसान को समाप्त करने का कार्य करें।