बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में 6 आरोपियों की हुई पहचान, अब तक तीन की हुई गिरफ्तारी
3 की सरगर्मी से की जा रही तलाश, जांच में जुटीं मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस की 25 टीमें

न्यूज एजेंसी मुंबई।। महाराष्ट्र में कुछ दिनों के अंतराल भीतर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो प्रमुख नेताओं सचिन कुर्मी और बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई की कानून-व्यवस्था को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। बायकुला विधानसभा क्षेत्र के तालुका अध्यक्ष और छगन भुजबल के करीबी सचिन कुर्मी की 5 अक्टूबर को बाइक सवार तीन हमलावरों ने धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया था। सचिन कुर्मी पर उस वक्त हमला किया गया। जब वह बायकुला पूर्व इलाके में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद अपने घर जा रहे थे। हमलावरों ने उनके सिर, हाथ, छाती और शरीर के अन्य हिस्सों पर 10 से अधिक वार किए। इस मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों में ले ली है। जिसमें तीन आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी हुई है। सचिन कुर्मी हत्याकांड को लेकर विपक्ष सत्ताधारी महायुति सरकार पर हमलावर था और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग कर रहा था। तभी मुंबई एक और नेता की हत्या से दहल गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्वमंत्री बाबा सिद्दीकी की 11 अक्टूबर की रात मुंबई के बांद्रा पूर्व इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उन्हें रविवार रात पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई लाइन के बड़ा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने दो हमलावरों को वारदात के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था। जिनकी पहचान हरियाणा के कैथल निवासी गुरमेल बलजीत सिंह उम्र 23 वर्ष और उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी धर्मराज राजेश कश्यप उम्र 19 वर्ष के रूप में हुई है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इन दोनों को रविवार शाम किला मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया। धर्मराज कश्यप ने कोर्ट में खुद के नाबालिग होने का दावा किया। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरमेल को 7 दिन के लिए 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया जबकि धर्मराज के वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट की मंजूरी दी है। पुलिस ने रविवार रात को ही उसका बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट करवाया। जिसकी रिपोर्ट एक दो-दिन में आ जाएगी। अगर धर्मराज बालिग निकला तो पुलिस उसे फिर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करेगी और कस्टडी या रिमांड की मांग करेगी। तीसरा हमलावर शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा भी बहराइच का रहने वाला है और फिलहाल फरार चल रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्ता नलावडे ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी कि तीनों हमलावर पेपर स्प्रे लेकर बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर पहुंचे थे। उनकी प्लानिंग बाबा सिद्दीकी पर पेपर स्प्रे छिड़कने के बाद उनकी हत्या करने की थी लेकिन शिवा ने पहले ही फायरिंग कर दी। डीसीपी नलावडे के मुताबिक गोली सिर्फ शिवा ने चलाई। धर्मराज कश्यप और गुरमेल उसके साथ मौजूद थे। वहीं चौथे आरोपी की पहचान मोहम्मद जसिन अख्तर के रूप में हुई है। जो पंजाब के पटियाला का रहने वाला है। उसका आपराधिक इतिहास रहा है और वह इस साल 7 जून को पटियाला जेल से बाहर आया था। जेल में ही वह लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के संपर्क में आया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक जासिन अख्तर ने भी धर्मराज, शिवा और गुरमेल को बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया था। अन्य दो आरोपी शिबू लोनकर और प्रवीण लोनकर हैं। शिबू लोनकर ने फेसबुक पोस्ट में इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी जबकि प्रवीण लोनकर उसका भाई है।
फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं क्राइम ब्रांच की 10 टीमें—
मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक धर्मराज कश्यप और शिव कुमार गौतम पुणे में जिस भंगार की दुकान में काम करते थे। उसके बगल में ही प्रवीण लोनकर की डेयरी थी। प्रवीण लोनकर और उसके भाई शुबु लोनकर ने मिलकर शिव कुमार गौतम और धर्मराज कश्यप को इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हायर किया था। शुबु लोनकर ने फेसबुक पर पोस्ट करके इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा लेने की बात कही थी। फिलहाल वह फरार चल रहा है। डीसीपी दत्ता नलावडे ने बताया कि फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच ने 10 टीमें गठित की हैं। इसके अलावा 15 टीमें दूसरे राज्यों में इस केस के सिलसिले में जांच को आगे बढ़ा रही हैं। देश की वित्तीय राजधानी में इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले हफ्तों में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर हमला बोला है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। मुंबई पुलिस सिद्दीकी की हत्या की जांच हर एंगल से कर रही है। जिसमें कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, बिजनेस राइवलरी या स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट से जुड़ी अदावत शामिल हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच में सहायता के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम भी मुंबई भेजी गई है।
कौन थे बाबा सिद्दीकी—?
बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री थे और 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार बांद्रा वेस्ट सीट से विधायक रहे। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी वर्तमान में इस सीट से विधायक हैं। 66 वर्षीय सिद्दीकी मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता थे। जिनकी बॉलीवुड में काफी पहुंच थी। सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त सहित कई फिल्मी सितारों के साथ सिद्दीकी के घनिष्ठ संबंध थे। उनकी इफ्तार पार्टी की गिनती मुंबई के हाई प्रोफाइल आयोजनों में होती थी। जिसमें फिल्म और राजनीतिक जगत की प्रमुख हस्तियां शिरकत करती थीं। सिद्दीकी को सालों पहले एक क्लब में हुई लड़ाई के बाद सलमान और शाहरुख खान के बीच सुलह कराने में भी अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। बाबा सिद्दीकी ने दोनों को अपनी इफ्तार पार्टी में बुलाया था और उनके बीच फिर से दोस्ती करायी थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले इस साल 14 अप्रैल को दो शूटरों ने बांद्रा स्थित सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर पांच राउंड फायरिंग की थी। हमलावर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात से गिरफ्तार किया गया था। मुंबई पुलिस ने एक आरोप पत्र में कहा कि शूटरों के संबंध लॉरेंस बिश्नोई गैंग से था। बाबा सिद्दीकी के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले सलमान खान को बिश्नोई गैंग से कई बार धमकियां मिल चुकी हैं।
मुंबई पुलिस पर भी उठ रहे सवाल—
एक के बाद एक हुई इन हत्याओं ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले महायुति सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने हत्याओं की निंदा की है और कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफलता के लिए शिंदे सरकार की आलोचना की है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मौजूदा सरकार की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये हत्याएं राज्य की लॉ एनफोर्समेंट मशीनरी के पतन का संकेत देती हैं। यदि प्रमुख राजनीतिक नेता सुरक्षित नहीं हैं तो हम आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे? इन वारदातों के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। सचिन कुर्मी और बाबा सिद्दीकी की हत्याओं ने न केवल राज्य के सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है बल्कि मुंबई पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं।।