

बचपन का प्यारा दोस्त—
सीमा यादव और व्यंकटेश पाण्डेय की दोस्ती की कहानी स्कूल के दिनों से शुरू होती है। दोनों ने रीवा के सरस्वती शिशु मंदिर में एक साथ शिक्षा ग्रहण की थी। वे बचपन में अच्छे दोस्त थे और एक-दूसरे के सुख-दुख में हमेशा साथ रहते थे। व्यंकटेश पाण्डेय का कहना है कि सीमा यादव उनके लिए बड़ी बहन की तरह रही हैं। बीते सोमवार को जब सीमा अपने मायके रीवा आई, तो उन्होंने अपने बड़े भाई से कहा कि वह अपने बचपन के खास दोस्त व्यंकटेश से मिलना चाहती हैं। यह सुनकर व्यंकटेश पाण्डेय की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने तुरंत मुलाकात के लिए तैयारियां कर लीं।

स्कूल की यादों में खो गए दोनों दोस्त—
व्यंकटेश पाण्डेय ने बताया कि सीमा यादव से मिलना उनके लिए बेहद खास रहा। मुलाकात के दौरान दोनों ने अपने पुराने स्कूल के दिन याद किए और हंसी-मजाक के साथ स्कूल की शरारतों और उन दिनों की छोटी-छोटी बातें साझा कीं। उनके बीच एक पुरानी तस्वीर भी चर्चा का विषय बनी। जिसमें उनके अन्य दोस्त भी दिखाई दे रहे थे। इस तस्वीर ने उनकी यादों को और भी जीवंत कर दिया और दोनों ने उन पुराने दोस्तों के बारे में बातें कीं जो अब देश के विभिन्न कोनों में उच्च पदों पर हैं।

सीएम की पत्नी की सादगी—
इस मुलाकात के दौरान व्यंकटेश पाण्डेय ने सीमा यादव की सादगी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, सीमा बहन को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि वह मुख्यमंत्री की पत्नी हैं। उनकी सहजता और विनम्रता हर किसी को प्रभावित करती है। वह आज भी उतनी ही सरल और साधारण हैं। जितनी बचपन में हुआ करती थीं। व्यंकटेश ने यह भी कहा कि जब पुराने दोस्तों से मिलकर बचपन की यादें ताजा होती हैं। तो उसका एहसास शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है।

रीवा से गहरा नाता—
सीएम मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव का रीवा से गहरा नाता है। उनका मायका संजय नगर कॉलोनी में है और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की थी। रीवा के प्रति उनका प्रेम और यहां के लोगों के साथ उनका जुड़ाव हमेशा बरकरार रहा है। यही वजह है कि जब भी सीमा रीवा आती हैं, तो यहां के अपने पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना नहीं भूलतीं।

मुलाकात से जुड़ी खास बातें—
नगर निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय ने इस मुलाकात के बारे में बताया कि जैसे ही उन्हें सीमा यादव के आने की खबर मिली। वे अपने परिवार को भी इसकी जानकारी दी और तुरंत उनसे मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। दोनों ने एक साथ बैठकर चाय पर चर्चा की और अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। यह मुलाकात महज औपचारिक नहीं थी बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन था। जहां दोस्ती और भाईचारे की मिठास छलक रही थी। इस मुलाकात ने यह साबित कर दिया कि चाहे आप कितने भी बड़े पद पर क्यों न पहुंच जाएं। बचपन के दोस्त और उनसे जुड़ी यादें कभी फीकी नहीं पड़तीं। सीमा यादव और व्यंकटेश पाण्डेय के बीच की यह दोस्ती एक मिसाल है और उनकी मुलाकात ने उन दिनों की यादों को एक बार फिर से जी लिया।।
