
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। रीवा में कल से आयोजित किए जा रहे पांचवें रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में सिंगरौली जिले के लिए 5613.04 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 20 इंडस्ट्रियलिस्ट यहां पर निवेश के इच्छुक हैं, जो कल रीवा में अपने प्रोजेक्ट और निवेशित की जाने वाली राशि, इंडस्ट्री प्लान और उद्योग में नियोजन की स्थितियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। जानकारों की मानें तो यह कोई बड़ा निवेश नहीं है, उसमें भी यदि 20 उद्यमियों ने अलग-अलग स्थानों पर निवेश की योजना बनाई है तो फिर इससे लघु और मध्यम दर्जे के उद्योग ही संचालित किए जा सकते हैं। फिर भी दावा किया जा रहा है कि इस निवेश से लगभग 5371 लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। यह सब कैसे होगा? इसकी विस्तृत रूपरेखा कान्क्लेव में मंच पर रखी जायेगी। यहां पर 10 से अधिक प्रदेशों के अलावा जिले में पहले से अपने उद्यमों को स्थापित कर चुके एनसीएल, एनटीपीसी, हिंडाल्को, महान इनर्जेन, जेपी, रिलायंस, इस्सार और डीआईसी से सम्बद्ध सिंगरौली से लगभग 450 उद्यमी इस कान्क्लेव में शामिल होंगे। बलियरी इंडस्ट्रियल एरिया में पूर्व से स्थापित कारखानों के लगभग सभी उद्यमियों को आमंत्रित किया गया है।
जिले के इंडस्ट्रियल एरिया का रोडमैप तैयार—
जिले में स्थापित किए गये आधा दर्जन से भी अधिक एमपीआईडीसी के इंडस्ट्रियल एरिया की पूरी जानकारी तैयार कर ली गई है। जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय से लगी भूमि पर बहुमंजिली व्यावसायिक इमारत बनाकर रोजगार प्रदान करने के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा की जा सकती है। कई वर्षों से यह बहुआयामी और बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार है। इसे भी पीपीपी मोड के जरिए संचालित करने की रूपरेखा बन सकती है।
पिड़ताली इंडस्ट्रियल पार्क में बनी एप्रोच रोड—
जिले के उप्र की सीमा पर पिड़ताली इंडस्ट्रियल पार्क में लगभग 92 एकड़ जमीन रिजर्व की गई है। इसे INVEST एनएच 39 से जोड़ने PRADESH GLOBAL INVESTORS SUMMIT गत वर्ष के लिए 5 करोड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी ने एप्रोच रोड भी तैयार कर दी है। पार्क के के बीच से निकली सिंगरौली-चोपन रेलखंड पर चुरकी, करेला रोड जंक्शन, सिंगरौली और अनपरा रेलवे स्टेशन भी उपलब्ध हैं। पानी, कोयला और कई प्रकार के संसाधन भी उपलब्ध हैं। यहां पर भी छोटे उद्यमियों के निवेश के अवसर उपलब्ध हैं।
एमपीआईडीसी रेलवे को देगा जमीन—
सूत्रों की मानें तो कई स्थानों पर रेलवे से लगी एमपीआईडीसी अपनी जमीन रेलवे को देगा। जिनमें कई बड़े प्रोजेक्ट स्थापित किए जायेंगे। इनमें गोंदवाली रेलवे स्टेशन के आसपास अंतरर्देशीय कंटेनर डिपो भी तैयार किया जायेगा। जिससे आयात निर्यात के लिए जिले की जमीन का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि अभी इस दिशा में सिर्फ संभावनाएं जताई गयी हैं, जो जिले के व्यवसाय व आय के लिए दूरगामी लाभकारी परिणाम दे सकते हैं।
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास—
रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के आयोजन में बघेलखंड की संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों का भी प्रचार-प्रसार किया जायेगा। जिसके जरिए देश की समृद्ध खाद्य धरोहर का भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जायेगा। यहां पर आने वाले मेहमानों को बघेलखंड के खास तरह के व्यंजनों को खिलाने की तैयारियां की गई हैं। अलग-अलग प्रदेश से आने वाले उद्यमी मेहमानों को बघेलखंडी व्यंजन बगजा, पनबुड़ा, रिकमच की सब्जी, रसाज की कढ़ी, महेरी, दरभरी पूरी और गुड़म, खुरचन रोल, लवंग लता और लाटा भी परोसा जायेगा।