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भारत ब्रिक्स के भीतर मजबूत सहयोग को अत्याधिक महत्व देता है- मोदी

नई दिल्ली।। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ब्रिक्स समूह वैश्विक विकास के एजेंडे से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभरा है। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक जीडीपी के एक चौथाई से अधिक का हिस्सा है। जहां तक भारत की बात है तो भारत ब्रिक्स के भीतर मजबूत सहयोग को अत्याधिक महत्व देता है। रुस की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को प्राथमिकता देता है। जो वैश्विक विकास, बहुपक्षीय सहयोग, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिक्स ने पिछले साल अपने नए सदस्यों को शामिल करने के साथ अपने विस्तार को भी मजबूत किया है। जिससे इसकी समावेशिता और व्यापक हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजान रवाना हो रहा हूं। भारत ब्रिक्स को अत्यधिक महत्व देता है और विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार विमर्श की उम्मीद करता हूं। मैं वहां विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं। ब्रिक्स समूह की स्थापना 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के बीच हुई थी। जिसे बाद में 2010 में दक्षिण अफ्रीका को जोड़कर विस्तारित किया गया। पिछले साल समूह का फिर से विस्तार किया गया। जिसमें कई अन्य देशों को शामिल किया गया और इससे ब्रिक्स की वैश्विक नेतृत्व भूमिका को और मजबूती मिली है। बता दें कि यह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पिछले वर्ष जोहानिसबर्ग में हुए शिखर सम्मेलन के बाद पहली बड़ी बैठक है। जिसमें ब्रिक्स के नए सदस्य देशों को शामिल करने के बाद विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था। इस शिखर बैठक में वैश्विक आर्थिक स्थिरता, विकासशील देशों की चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

ब्रिक्स में शामिल हुए कई देश—
ब्रिक्स का विस्तार करते हुए समूह में मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को जोड़ा गया है। जिससे इसकी वैश्विक उपस्थिति और भी मजबूत हुई है। यह कदम वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर ब्रिक्स की भूमिका को और बढ़ाने का संकेत है। मोदी ने कहा कि वह इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं। जिसमें वैश्विक आर्थिक विकास, जलवायु परिवर्तन, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मुद्दे शामिल हैं।

नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता—
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस के कजान शहर में आयोजित हो रहा है। जिसे यूक्रेन संकट और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य गैर-पश्चिमी देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है। इस शिखर बैठक में प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। मोदी ने इस यात्रा को भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा जुलाई 2024 में मॉस्को में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के आधार पर कजान की मेरी यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को और गहरा करेगी। प्रधानमंत्री ने अपने बयान में ब्रिक्स के आर्थिक सहयोग, बहुपक्षीय साझेदारी, और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में इसके योगदान को रेखांकित किया।।

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