
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। पुलिस थाना जियावन की कारगुजारी इन दिनों सुर्खियों में है। मिली जानकारी के अनुसार जियावन थानाक्षेत्र अंतर्गत अवैध रेत परिवहन का सिलसिला जोरों पर चल रहा है। रेत माफिया बेखौफ होकर चोरी की रेत बेधड़क बेच रहे हैं। इन दिनों तो रेत माफिया इतने सक्रिय हैं कि मानों पुलिस भी आँखे बंद किये हुए है। हाल तो यह है कि रेत माफियाओं के आगे पुलिस भी नतमस्तक नजर आ रही है। सूत्रों की माने तो पुलिसिया रुबाब का जरा सा भी खौफ रेत माफियाओं में नहीं है। दरअसल इसके पीछे की मुख्य वजह जियावन पुलिस द्वारा माफियाओं को खुला संरक्षण देना भी माना जा रहा है। माना तो ऐसा भी जा रहा है कि अवैध रेत कारोबारीयों में इतना दम नहीं है कि वह बगैर पुलिस का संरक्षण प्राप्त किए बेधड़क बिना टीपी और रॉयल्टी के परिवहन कर सकें किंतु जियावन थाना क्षेत्रांतर्गत ऐसा ही होता नजर आ रहा है। रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त माफिया पुलिस को चुनौती देते हुए धड़ल्ले से अपना कार्य करते हैं। जियावन थाना क्षेत्र में जिन पॉइंट्स पर रेत की चोरी की जाती है। उनकी दूरी थाने से महज 2 से 4 किलोमीटर ही है। देवसर के बसहा, सहुआर, चकुआर, मजौना, छीवा और सरपतही के नदियों से रेत की चोरी का खेल रात 10 बजे तक शुरू होकर सुबह तक चलता है। माफिया रात भर रेत चुराकर उसका भण्डारण करते हैं फिर अगले दिन चोरी की रेत को ठिकाने लगाते हैं। जियावन थाना के बाहर रात भर रेत माफिया पुलिस पर नजर रखते हैं। जैसे ही पुलिस की गाडी निकलती है। माफियाओं का सूचना तंत्र सक्रिय हो जाता है। माफिया पुलिस के पहुंचने से पहले ही सतर्क हो जाते हैं। पुलिस के वापस आते ही फिर ट्रैक्टर स्टार्ट हो जाते हैं और रात भर माफिया रेत चोरी करते हैं। कुछ स्थानीय लोगों की माने तो इन माफियाओं को पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने की बात सामने आती है। शायद यही वजह है कि जियावन पुलिस को रेत चोरी पर कार्यवाही करने की बात बेगारी लगती है। माफियाओं पर जियावन पुलिस की इस मेहरबानी का कारण क्या हो सकता है? इसका पता तो पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही लगाएंगे लेकिन जियावन पुलिस का यह रवैया पूरे प्रदेश में सिंगरौली पुलिस की किरकिरी करवा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कारोबारीयों से पुलिस के कुछ गुर्गों का भी अच्छा खासा संबंध है। यही कारण है कि बेखौफ होकर रेत माफिया अवैध रेत का परिवहन धड़ल्ले से कर रहे हैं। आरोप तो ऐसे भी लग रहे हैं कि इतना बड़ा रेत का अवैध कारोबार फल फूल रहा है और पुलिस को सूचना देने के बाद भी कार्रवाही नहीं होती बल्कि उन रेत माफियाओं की तरफदारी करते हुए उन्हें सूचना भी दे दी जाती है और माफिया डराने धमकाने आ जाते हैं। आखिरकार इतना बड़ा कारोबार बगैर संरक्षण कैसे चल रहा है। इस अवैध रेत परिवहन को लेकर काफ़ी चर्चा क्षेत्र मे हो रहा है। आम जन का कहना है की जब पुलिस प्रशासन ध्यान नहीं देगी तो अवैध करोबार तो बढ़ेगा ही। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसे लेकर कई बार प्रशासन तक पहुंचाया गया है फिर भी इस पर कोई अंकुश लगाने की बात नहीं कही गई है।
अवैध रेत परिवहन से आए दिन हो रहे हादसे—
जब-जब अवैध ट्रैक्टरों द्वारा कोई बड़ा हादसा होता है। तब प्रशासन के द्वारा नाम मात्र की कार्रवाई कर दी जाती है। बाकी तो बेखौफ होकर माफिया अवैध रेत का परिवहन करते हैं। चर्चा यह भी है कि अवैध कारोबार करने के लिए पुलिस खुला संरक्षण देती है। अवैध ट्रैक्टरों के द्वारा पूर्व में जिले में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं। जिसमें कई घरों का चिराग बुझ गया है। कई लोग अस्पताल में का चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी प्रशासन की नीद नहीं खुल रही। अगर कार्रवाई शून्य है। तो आम जनता भी अब जान चुकी है पुलिस सुस्त है।