
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली नगर निगम की परिषद बैठक में सोमवार को महापौर और कमिश्नर की अनुपस्थिति के कारण जमकर हंगामा हुआ। बैठक महज आधे घंटे में ही स्थगित करनी पड़ी। महापौर रानी अग्रवाल (आम आदमी पार्टी) और नगर निगम कमिश्नर के साथ पूरी एमआईसी भी बैठक में नहीं पहुंची। भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षदों ने इस पर कड़ा विरोध जताया। वार्ड 31 के पार्षद भारतेंदु पांडे ने आरोप लगाया कि महापौर बनने के बाद से रानी अग्रवाल ने शहर के विकास के लिए कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि एमआईसी की बैठकों में सिर्फ अधिकारियों पर दबाव बनाने की बात होती है।
कांग्रेस के पार्षदों ने जमीन पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कमिश्नर और महापौर के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही महापौर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की। वार्ड 9 के पार्षद शेखर सिंह ने कहा कि महापौर को बाहर जाना था तो अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकती थीं। इससे विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सकता था। वार्ड 40 की पार्षद सीमा जायसवाल ने कहा कि जनता ने आम आदमी पार्टी की महापौर को नए बदलाव की उम्मीद में चुना था, लेकिन वह विकास के मुद्दों से भाग रही हैं। नगर निगम के अध्यक्ष देवेश पांडे कहा है कि नगर निगम की जो महापौर हैं। वह तानाशाही रवैया अपना आए हुए हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वह भी वह कर रही है। परिषद की बैठक वह नहीं करना चाहती हैं। इसी वजह से वह भाग रही हैं जबकि इस परिषद की बैठक को रोकने के लिए पहले उन्होंने फाइल को लेट किया। उसके बाद सूचना होने के बाद ही गायब हो गई।।