प्रसव में लापरवाहीः फर्श में गिरा नवजात, मौत
आनन-फानन हरकत में आए डॉक्टर, आईसीयू में भर्ती के बाद भी नहीं बची जान

ऑपरेशन टाईम्स सीधी।। जिला चिकित्सालय सीधी अपनी अवस्थाओं को लेकर आए दिन सुर्खियों में बना रहता है लेकिन जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अमले की अनदेखी की वजह से समस्याओं का निदान स्थाई तौर पर नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही एक सन्न कर देने वाला मामला फिर सामने आया है। जहां जिला अस्पताल के लेबर रूम में प्रसव के दौरान नसों की लापरवाही से नवजात के फर्श में गिरने से उसकी हालत नाजुक हो गई और आईसीयू में उपचार शुरू होने के बाद भी आखिर उसे बचाया नहीं जा सका।
क्या थी घटना—
जानकारी के अनुसार बताया गया कि लेबर वार्ड में नर्सों की लापरवाही से नवजात शिशु फर्श पर गिर गया। इस मामले को लेकर आरोप लगाते हुए शहर के वार्ड क्रमांक 14 कोटहा निवासी दीपू प्रजापति ने बताया कि उसके चचेरे भाई की पत्नी गुडिया प्रजापति को प्रसव वेदना पर जिला अस्पताल में 28 नवंबर 24 को सुबह 10 बजे भर्ती कराया गया था। लेबर रूम में इसी दिन शाम करीब 4:30 बजे नार्मल डिलेवरी हो रही थी। उसी दौरान लेबर रूम में प्रसूता की देवरानी श्यामकली प्रजापति पहुंची। उसे नसों द्वारा भगाया जा रहा था। उसी समय डिलेवरी हुई और नर्सों की लापरवाही से नवजात शिशु फर्श में नीचे गिर गया। नवजात के फर्श में गिरते ही वहां मौजूद श्यामकली प्रजापति ने दौडकर उठाया। नसों द्वारा उसके हांथ से जल्द ही नवजात को अपने हांथ में ले लिया गया और श्यामकली को बाहर कर दिया गया। फर्स में गिरने पर नवजात शिशु के नाक एवं आसपास चोंटे आने से वो रक्त रंजित हो गया। बाद में नवजात शिशु को आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। आईसीयू में भर्ती नवजात को देखने के लिए उसके पिता रावेन्द्र प्रजापति को कुछ समय के लिए अनुमति दी जाती थी। परिजनों के अनुसार 29 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे उन्हें आईसीयू में बताया गया कि तुम्हारे बच्चे की हालत काफी नाजुक है। वो नीला पड़ रहा है। इसके बाद रावेन्द्र प्रजापति को भी बाहर कर दिया गया। रात करीब 8:30 बजे फिर आईसीयू में रावेन्द्र प्रजापति को बुलाया गया और कहा गया कि तुम्हारा बच्चा 7 महीने का ही था। इस वजह से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिजनों का कहना था कि नवजात शिशु पूरे 9 महीने का था। फिर भी आईसीयू में उसकी हालत चोंट के चलते गंभीर होने पर परिवार के लोगों को गलत जानकारी दी जा रही थी। आखिर आज सुबह करीब 6 बजे फिर आईसीयू में बुलाया गया और बताया गया कि तुम्हारा बच्चा खत्म हो गया है। परिजनों द्वारा इस पूरे मामले में लेबर रूम में मौजूद नर्सों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की गई।
नर्सों की लापरवाही से गिरा बच्चाः श्यामकली—
श्यामकली प्रजापति का कहना था कि जिस दौरान गुडिया प्रजापति को प्रसव हो रहा था वो लेबर रूम में ही मौजूद थी। प्रसव के दौरान पानी के तेज प्रेशर के साथ जब बच्चा बाहर आया तो नर्से खुद को पानी से बचाने के लिए दूर चली गईं और नवजात फर्स में जा गिरा। जिस स्थान पर बच्चा गिरा वहां लोहे की सरिया भी रखी थीं जिसके चलते बच्चे के चेहरे में चोंटे आई। श्यामकली ने कहा कि वो ये नजारा देखकर खुद को नहीं रोंक सकी और दौडकर उस स्थान में पहुंची जहां बच्चा गिरा हुआ था। बच्चे को उसने उठाया तभी वहां मौजूद नर्स ने बच्चे को अपने हांथ में ले लिया और उसे कमरे से बाहर कर दिया गया।
कार्रवाई का इंतजार—
इस पूरे गैर जिम्मेदाराना तरीके से प्रसव कराने वाली नर्सों के खिलाफ की गई कार्यवाही की मांग पर अब देखना बाकी रहेगा कि अस्पताल प्रबंधन क्या रुख अपनाता है ? क्योंकि इसी तरह यदि लापरवाही जारी रही तो जिला अस्पताल की छवि को तो धक्का लगता ही है। साथ ही और भी जान जाती रहेंगी।
मामले की जांच कराकर सख्त कार्रवाई होगी : रीती—
इस मामले में सीधी विधायक रीती पाठक ने कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी आपके द्वारा अभी मुझे प्राप्त हो रही है, मैं तत्काल इस मामले का पूरा विवरण पता करती हूं। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से दिए गए आवेदन की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी तथा दोषी नर्सिंग स्टाफ को कतई बख्सा नहीं जाएगा। विधायक रीती पाठक ने कहा कि जिला अस्पताल में जिले भर से आने वाले मरीजों को तत्काल उचित उपचार की सुविधाओं के प्रबंधन में की जाने वाली किसी भी लापरवाही पर चिकित्सकीय स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।