AI इंजीनियर खुदकुशी केस- बेंगलुरु में कैंडिल मार्च,लोगों ने कहा- सरकार पुरुषों के उत्पीड़न के लिए कानून बनाए
कर्नाटक पुलिस पहुंची जौनपुर

ऑपरेशन टाईम्स बेंगलुरु।। AI इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के विरोध में बेंगलुरु के इंजीनियर्स ने प्रदर्शन किया। यहां के मराठहल्ली इलाके में कैंडिल मार्च निकाला। इनका कहना था कि महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून हैं जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कानून नहीं है। इंजीनियर्स ने कहा यह पक्षपातपूर्ण है। सरकार को कानून में बदलाव करके पुरुषों के हक का भी ध्यान रखना चाहिए। उधर जांच के लिए बेंगलुरु पुलिस उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंच गई है। जौनपुर में अतुल की पत्नी निकिता का घर है। अतुल सुसाइड मामले में बेंगलुरु पुलिस ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर FIR दर्ज की है। अतुल मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे। बेंगलुरु में वह नौकरी करते थे। बेटे के सुसाइड की खबर सामने आने के बाद मां ने 11 दिसंबर को मीडिया से बातचीत की। मां ने कहा मेरे बेटे को प्रताड़ित किया गया था। यह कहकर वह रोने लगीं। इसके बाद बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं। पास खड़े पति ने उन्हें संभाला। अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। इसी के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) का केस दर्ज किया है। अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई। अतुल ने ये भी मांग की थी कि अगर उन्हें प्रताड़ित करने वाले बरी हो जाएं तो अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा दी जाएं।
कमरे में तख्ती मिली थी। लिखा था अभी न्याय बाकी है—
अतुल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने लेटर में लिखा है कि जज ने मामले को रफा-दफा करने के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। अतुल ने यह भी लिखा कि उनकी पत्नी और सास ने उन्हें सुसाइड करने को कहा था और इस पर उक्त जज हंस पड़ी थीं। मूल रूप से बिहार के अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनकी बॉडी फंदे पर लटकी मिली। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ (न्याय बाकी है) लिखी एक तख्ती मिली। अतुल के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने अतुल की पत्नी और पत्नी के परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
अतुल की जुबानी जानिए पूरा मामला—
दो साल साथ रहने के बाद पत्नी घर छोड़कर चली गई सुसाइड से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में अतुल ने पूरा मामला विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2019 में एक मैट्रिमोनी साइट से मैच मिलने के बाद शादी की थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पत्नी का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था। जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने लाखों रुपए अपनी पत्नी के परिवार को दिए थे, लेकिन जब उन्होंने और पैसे देना बंद कर दिया तो पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई। अतुल ने कहा मैं उसे हर महीने 40 हजार रुपए मेंटेनेंस देता हूं लेकिन अब वो बच्चे को पालने के लिए खर्च के तौर पर 2-4 लाख रुपए महीने की डिमांड कर रही है। मेरी पत्नी मुझे मेरे बेटे से न तो मिलने देती है। न कभी बात कराती है। पूजा या कोई शादी हो निकिता हर बार कम से कम 6 साड़ी और एक गोल्ड सेट मांगती थी। मैंने अपनी सास को 20 लाख रु. से ज्यादा दिए लेकिन उन्होंने कभी नहीं लौटाए। पत्नी ने दहेज और पिता के मर्डर का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया। अगले साल पत्नी ने उनके और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए। इनमें मर्डर और अप्राकृतिक सेक्स का केस भी शामिल था। अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि उन्होंने 10 लाख रुपए दहेज मांगा था। जिसके चलते उसके पिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अतुल ने कहा कि यह आरोप किसी फिल्म की खराब कहानी जैसा है क्योंकि मेरी पत्नी पहले ही कोर्ट में सवाल-जवाब में इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि उसके पिता लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले 10 साल से दिल की बीमारियों और डायबिटीज के लिए AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए कुछ ही महीने का समय दिया था। तभी हमने जल्दबाजी में शादी की थी।
पत्नी ने मांगे 3 करोड़—
कहा तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते अतुल ने कहा कि मेरी पत्नी ने ये केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया। उन्होंने कहा कि जब इस 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया। अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो। इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी। अतुल सुभाष के सुसाइड नोट का एक पेज। इसमें उन्होंने जज पर 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया है। पत्नी की मां ने कहा तुम मर जाओगे तो तुम्हारा बाप पैसे देगा अतुल ने बताया कि जब इस मामले को लेकर उसने सास से बात की तो सास ने कहा कि तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया। मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आएगी। इस पर अतुल ने उन्हें जवाब दिया कि मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी। उसकी सास ने जवाब दिया कि तुम्हारा बाप पैसे देगा। पति के मरने के बाद सब पत्नी का होता है। तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जाएंगे। उसमें भी बहू का हिस्सा होता है। पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा। अतुल ने अपने नोट में अपनी सास के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया है। उन्होंने दावा किया कि सास ने उन्हें मरने के लिए कहा। मेरे कमाए हुए पैसे से मुझे और मेरे परिवार को ही परेशान किया जा रहा अतुल ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं। मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है। मेरे ही टैक्स के पैसे से ये अदालत, ये पुलिस और पूरा सिस्टम मुझे और मेरे परिवार और मेरे जैसे और भी लोगों को परेशान करेगा। मैं ही नहीं रहूंगा तो न तो पैसा होगा और न ही मेरे मां-बाप और भाई को परेशान करने की कोई वजह होगी। अतुल ने यह भी कहा कि मेरी आखिरी ख्वाहिश ये है कि मेरे बेटे को मेरे माता-पिता को दे दिया जाए। मेरी पत्नी के पास कोई वैल्यू नहीं है। जो वो मेरे बेटे को दे पाए। यहां तक कि वो तो उसे पालने में सक्षम भी नहीं है। इसके अलावा मेरी पत्नी को मेरे मृत शरीर के पास भी न आने दिया जाए। मेरी अस्थियों का विसर्जन भी तब हो जब मुझे इस केस में न्याय मिले। नहीं तो मेरी अस्थियों को गटर में बहा दिया जाए।
अतुल की आखिरी इच्छा—
मुझे न्याय न मिले तो अस्थियां गटर में बहा दें अतुल ने अपनी आखिरी इच्छा में लिखा मेरे केस की सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छू सके। जब तक प्रताड़ित करने वालों को सजा न हो मेरी अस्थियां विसर्जित न हों। यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।।