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कानवाय सिस्टम लागू होने से सड़क हादसों में आई कमी : एसपी खत्री

पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने के साथ ही मौतों के मामले भी हुए कम

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिले में कोल और राखड़ का परिवहन सड़क मार्ग से होता है। बड़े-बड़े लोडिंग वाहन सड़कों पर चलने से आए दिन सड़क हादसे हो रहे थे और लोग असमय जान गंवा रहे थे। आए दिन होने वाले सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस ने कानवाय व्यवस्था लागू की है। है। जिसका परिणाम यह हुआ है कि न केवल सड़क हादसों में कर्मी आई बल्कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या भी कम हुई है। कानवाय व्यवस्था यानी कोल वाहनों के आगे-आगे एक चारपहिया वाहन चलता है, जिसकी गति सीमा 20 से 25 किमी प्रतिघंटा रहती है। उसी वाहन की गति से उसके पीछे 30-40 कोल वाहन चलते हैं। कोल वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने से सड़क हादसों में कमी आई है। अब जरूरत है कि कानवाय व्यवस्था बनाये रखने की, क्योंकि कोयला वाहन मौका देखकर अकेले ही या दो-चार की संख्या में निकल लेते हैं, जिससे हादसों की आशंका बढ़ जाती है।

जागरूकता का दिख रहा असर—
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एसपी मनीष खत्री चार्ज लेने के बाद से ही चिंतित थे। उन्होंने सबसे पहले जागरूकता अभियान चलवाया ताकि दोपहिया चालक वाहन चलाते समय हेलमेट पहनें और चारपहिया चालक सीट बेल्ट लगाएं। वहीं वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों के प्रति भी जागरूक किया गया ताकि वे यातायात नियमों को जानें और उनका पालन करें। अब दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाते हैं और चारपहिया वाले सीट बेल्ट बांधते हैं। इसी का असर है कि पिछले साल की तुलना में हादसे कम हुए तो मौतों की संख्या में भी कमी आई है।

शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती—
शराब पीकर दो पहिया/चार पहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी यातायात पुलिस द्वारा सख्ती बरती गई है। यातायात थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह ने बताया कि जनवरी माह से लेकर अब तक 70 से अधिक वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 8 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया है। 50 से अधिक वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करवाये गये हैं। शराब के नशे में वाहन चलाते मिले कई वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त किये जाने की कार्रवाई प्रचलन में है।

क्या है कानवाय व्यवस्था—?
कानवाय व्यवस्था कोल और राखड़ परिवहन में लगे लोडिंग वाहनों पर लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत कोल परिवहन में लगे वाहनों को कोल खदान से निकलने के बाद जब रहवासी क्षेत्र में आते हैं तो 12 से 15 वाहन एक जगह पर खड़े किये जाते हैं। उसके बाद एक चार पहिया वाहन कोल वाहनों के आगे-आगे चलता है। चार पहिया वाहन में कोल ट्रांसपोर्टर के लोग रहते हैं, जो वाहनों को 20 से 25 किलोमीटर की गति से चलने को मजबूर कर देते हैं। उसी चारपहिया वाहन के पीछे-पीछे कोयला राखड़ लोड वाहन चलते हैं जिससे हादसों की आशंका ही समाप्त हो जाती है।

इनका कहना है—
हमारी पूरी कोशिश है कि सड़क हादसों में कमी आये। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ कोयला और राखड़ परिवहन में कानवाय व्यवस्था लागू की गई है। पिछले पांच माह में सड़क हाद‌सों में मृत्यु दर में कमी आई है। आगे और बेहतर व्यवस्था की जायेगी।

मनीष खत्री, एसपी सिंगरौली

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