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साइबर ठगों ने बदला पैतरा, अब ब्रांडेड कंपनियों की एजेंसी देने के नाम पर लोगों को बना रहे निशाना

कपड़े, गाड़ी व अन्य सामान की एजेंसियां दिलाने के नाम पर पलभर में उड़ा दे रहे खाते से राशि

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सीबीआई, ईडी, पुलिस अधिकारी, बिजली पंचायत कमी बनकर लोगों को डराकर ठगी करने वाले लुटेरे साइचर अपराधी अब नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। साबर अपराधी अब ब्रांडेड कंपनियां जैसे कार, कपड़े, दो पहिया वाहन, इनवर्टर आदि को एजेंसी देने के नाम पर लोगों से बातचीत करते हैं और बगैर ओटीपी के बैंक खाते से राशि पार कर दे रहे हैं। ब्रांडेड कंपनियों की एजेंसी देने के लिए साइबर ठग जिले में अब तक दो से तीन लोगों को निशाना बना चुके हैं और उनके खातों से लाखों रुपये निकाल चुके हैं। साइबर अपराधियों के आगे पुलिस भी कुछ खास नहीं कर पा रही है। क्योंकि अपराधी इतने शातिर हैं कि जब तक संबंधित का पता चलता है कि उसके साथ फ्राड हो गया है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

चिकित्सक दंपत्ति को बनाया निशाना—

अभी तक सदाबर अपराधी बिजली कर्मी, पुलिस कर्मी और पंचायत कर्मी बनाकर लोगों को निशाने पर लेते थे लेकिन कुछ दिन पहले विध्यानगर निवासी एक चिकित्सक दंपति को सैनिक स्कूल का कैप्टन बनकर सइबर ठगों ने फोन किया और उनके खाते से चार लाख रुपये पार कर दिये थे। राहत की बात यह रहीं कि जागरुक चिकित्सक दंपति ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और सक्रिय हुई पुलिस ने बैंक को सील करवाते हुए चार लाख रुपये वापस करवाये। सइबर फाड़ से जुड़ी शिकायतें प्रतिदिन बड़ी संख्या में पुलिस थानों और साइबर रोल के पास पहुंच रही है।

कपड़े की एजेंसी देने के नाम पर 30 लाख डकारे—
शहर के मोरवा थाना क्षेत्र के एक जाने-माने व्यक्ति के बेटे से साइबर ठगों ने ब्रांडेड कंपनी की कपड़ों की एजेंसी देने के नाम पर 30 लाख रुपये से अधिक की राशि हड़प ली। बताया जा रहा है कि साइबर अपराधी दो से तीन बार मोबाइल फोन पर बात की और युवक को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाकर एजेंसी देने के नाम पर 30 लाख रुपये एडवांस अपने खाते में जमा करवा लिया। युवक को जब संदेह हुआ कि साइबर ठगों ने उसको बेवकूफ बना दिया है. तब तक काफी देर हो चुकी थी। पीड़ित ने मोरवा थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस साइबर सेल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक पुलिस को आरोपियों से संबंधित कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।

कार की एजेंसी देने के नाम पर ठगा—

कोतवाली थाना क्षेत्र में शहाने वाले शहर के एक प्रतिष्ठित व्यापारी का पुत्र भी साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर लाखों रुपये गां चुका है। इस मामले में भी पुलिस पिछले पांच माह से साइबर ठग को पकड़ते का प्रयास कर रहीं है लेकिन अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि व्यापारी के बेटे के पास साइबर ठगों ने एक कार कंपनी का ओनर बनकर बता की और सिंगरौली में कार की एजेंसी देने की बात की। साइबर ठगों ने इस तरह से व्यापारी के बेटे से बात की कि वह समझ ही नहीं पाया कि साइबर ठग उसको अपने गिरफ्त में ले लिए हैं। एजेंसी देने के नाम पर सरइबर ठगों ने 50 लाख रुपये से अधिक की राशि व्यापारी के बेटे से डकार चुके थे। जब तक फ्रांड की जानकारी लगी, तब तक साइबर ठग अपना काम कर चुके थे।

पुलिस के पास नहीं हैं पुख्ता इंतजाम—
वर्तमान में ज्यादातर लोग डिजिटल लेनदेन का उपयोग कर रहे हैं। वहीं इंटरनेट का उपयोग तेजी से बड़ा है। जिसका उपयोग साइबर अपराधी फ्राड करने में कर रहे हैं। झारखंड, जम्मू, राजस्थान जैसे जगहों पर बैठकर साइबर अपराधी सिंगरौली में ठगी करते हैं। यही वजह है कि पुलिस साइबर ठगों तक पहुंच नहीं पाती है। स्थानीय स्तर पर पुलिस के पास हाइटेक साइबर अपराधियों से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। इकलौती साइबर सेल की टीम को जब तक साइबर फ्राड की जानकारी मिलती है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस की थाना और पुलिस चौकी स्तर पर एक्सपर्ट लोगों को बिठाना होगा ताकि साइबर फ्राड से संबंधित कोई शिकायत आए भी तो पुलिस उसमें तत्काल एक्शन ले सके।

सावधानी ही है बचाव—
साइबर अपराध से बचाने के लिए पुलिस द्वारा जन जागरुकता अभियान चलाया जाता है। साइबर अपराध से सावधानी बरतने पर बचा जा सकता है। अगर आपके पास कोई फोन करे कि ट्राई आपका फोन डिस्कनेक्ट करने जा रहा है तो जवाब न दें। तत्काल फोन काट दें। कोई फोन करें और डिजिटल अरेस्ट होने की बात कहे तो तत्काल फोन काट दें। आपके पास कोई फोन करे कि आपके द्वारा कोरियर से भेजे गए सामान में मादक पदार्थ मिला है तो उसे कतई इंटरटेन न करें। ब्रांडेड कंपनियों की एजेंसी देने या फिर खरीदारी करने के लिए कोई फोन लगाए तो उसे अपनी पर्सनल जानकारी न बताए। खासतौर से आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर बिल्कुल न बताएं।

इनका कहना है—
साइबर अपराधियों के चंगुल में लोग न पड़े। इसके लिए जन जागरुकता अभियान चलाया जाता है। लोगों को समझना होगा कि फ्री में कोई कुछ नहीं देता है। अगर ऐसा कोई फोन आए तो उसे इंटरटेन करें। जाने-अनजाने में अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है तो तत्काल 1900 नंबर पर फोन लगकर सूचित करें। स्थानीय स्तर पर साइबर सेल के माध्यम से साइबर आराधियों पर नजर रखी जाती है और उनको पकड़ा भी जता है।
एसके वर्मा एएसपी सिंगरौली

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