जयपुर अग्निकांड में पूर्व IAS करणी सिंह की भी मौत,बेटियों के डीएनए टेस्ट से हुई शव की पहचान

ऑपरेशन टाईम्स जयपुर।। जयपुर अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भांकरोटा में 20 दिसंबर को एलपीजी गैस टैंकर और कंटेनर में हुई टक्कर के बाद विस्फोट और आगजनी में जिन पांच मृतकों की पहचान नहीं हुई थी। उनमें तीन की पहचान डीएनए टेस्ट के आधार पर कर ली गई है।
डीएनए टेस्ट से हुई पहचान—
बेटियों के डीएनए टेस्ट से एक शव की पहचान बीकानेर निवासी पूर्व आईएएस अधिकारी करणी सिंह के रूप में हुई जबकि भाइयों के डीएनए टेस्ट से दूसरे शव की पहचान उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के युवक संजय और तीसरे की पहचान कानपुर के रूरा निवासी कंटेनर चालक प्रदीप यादव के रूप में हुई। करणी सिंह का शव उनके स्वजनों को सौंप दिया गया जबकि संजय व प्रदीप के स्वजन रविवार शाम जयपुर पहुंचे। प्रदीप का शव जलकर राख हो गया था। केवल हड्डियां बची थीं। उसके स्वजनों को अस्थियां सौंप दी गईं।
चार लोगों के लापता होने की खबर—
उधर अब भी चार लोगों के लापता होने की बात सामने आ रही है। इनमें उस बस के चालक और परिचालक भी हैं। जो उदयपुर से जयपुर जा रही थी और आग में जल गई थी। उधर डीएनए टेस्ट से एक शव की पहचान हो चुकी है। मगर अस्पताल प्रशासन ने अभी इसका विवरण नहीं दिया है जबकि एक शव की पहचान अभी नहीं हो सकी है। उसके किसी स्वजन ने अब तक संपर्क नहीं किया है। अस्पताल में 60 से 75 प्रतिशत तक झुलसे 27 लोग अब भी आइसीयू में भर्ती हैं। इनमें से सात वेंटीलेटर पर हैं।
हादसे में मरने वालों की संख्या—
प्रशासन 13 ही बता रहा है। पहले सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन के पास 14 मौतों की सूचना थी लेकिन शनिवार देर रात करीब एक बजे मृतकों की संख्या आधिकारिक तौर पर 13 बताई गई है।
टीमों ने घटनास्थल का जायजा लिया—
एनएचएआई जयपुर जिला प्रशासन और पुलिस की टीमों ने रविवार को घटनास्थल का जायजा लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग के जिस कट पर टैंकर के यूटर्न लेते हादसा हुआ। उसके बारे में भी अब फैसला होगा। प्रशासन तय करेगा कि कट बंद करना है या नहीं। अगर बंद नहीं करना है तो वहां 24 घंटे यातायात पुलिसकर्मी तैनात किया जाएगा।एनएचएआई के अधिकारी कह चुके हैं कि कट जयपुर विकास प्राधिकरण व यातायात पुलिस की सहमति से रखा गया था। गेल इंडिया के उप महाप्रबंधक सुशांत सिंह का कहना है कि टक्कर में टैंकर के पांच नोजल टूटने से 18 टन गैस लीक हुई थी।