ब्रह्माकुमारी ने संस्था के स्थापक ब्रह्मा बाबा की 56वी पुण्य तिथि मनाई

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय विंध्यनगर सिंगरौली सेवा केंद्र द्वारा 18 जनवरी को संस्था के स्थापना स्थापक ब्रह्मा बाबा की 56वी पुण्य तिथि मनाई गई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रिलायंस शासन से जितेंद्र प्रसाद असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट उपस्थित रहे आज का दिन पूर्ण रूप से मौन योग साधना में रहकर कर्म करते हुए बिताया जाता है 1 मुख्यालय शांतिवन में देश-विदेश से पहुंचे 15 हजार से अधिक लोग पहुंचे । आज स्मृति दिवस पर ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय माउंट आबू परिसर को पुष्पों से सजाया गया ब्रह्मा कुमारीज में आज के दिन को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस आयोजन पर बीके शोभा दीदी ने सभी को बताया कि 18 जनवरी 1969 को 93 वर्ष की आयु में ब्रह्माकुमारी के साकार संस्थापक पिता श्री ब्रह्मा बाबा ने संपूर्णता की स्थिति प्राप्त कर अव्यक्त हुए उनके अव्यक्त होने के बाद संस्थान की बागडोर पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी ने संभाली बाबा की त्याग तपस्या का परिणाम है कि खुद पीछे रहकर नारी शक्ति को आगे बढ़ाया और पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति अध्यात्म का परचम फहरा रहा है नारी के उत्थान को लेकर उनका दृढ़ संकल्प ही था कि उन्होंने अपनी सारी जमीन जायदाद बेचकर एक ट्रस्ट बनाया लोगों में परिवारवाद का संदेश न जाए इसलिए बेटी तक को संचालन समिति में नहीं रखा परमात्मा के निर्देशन अनुसार अपनी सारी चल अचल संपत्ति को बेचकर माता बहनों के नाम एक ट्रस्ट बनाया । उस समय संस्था का नाम ओम मंडली था । वर्ष 1950 में संस्थान के माउंट आबू स्थानांतरण के बाद इसका नाम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पड़ा। इसकी प्रथम मुख्य प्रशासनिक का मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती को नियुक्त किया गया। ब्रह्मा बाबा ने माताओं बहनों को जिम्मेदारी सौंप कर खुद कभी पैसों को हाथ नहीं लगाया यहां तक कि उनमें इतना निर्माण भाव था कि खुद के लिए भी कभी पैसे की जरूरत पड़ती तो बहनों से मांगते थे बाबा कहते थे कि नारी ही एक दिन दुनिया के उद्धार और सृष्टि परिवर्तन के कार्य में अग्रणी भूमिका निभायेगी ।ब्रह्माकुमारी संस्थान नारी शक्ति द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा और एकमात्र संगठन है यहां मुख्य प्रशासिका से लेकर प्रमुख पदों पर महिलाएं ही हैं संगठन की सारी जिम्मेदारियां को बहने संभालती हैं और भाई उनके सहयोगी के रूप में साथ निभाते हैं। संस्था के इस समय विश्व में 140 देश में पांच हजार से अधिक सेवा केंद्र संचालित है साथ ही 46 हजार ब्रह्माकुमारी बहने समर्पित रूप से तन मन धन के साथ अपनी सेवाएं दे रही है 20 लाख से अधिक लोग इसके विद्यार्थी हैं जो संस्था के नियमित सत्संग मुरली क्लास को अटेंड करते हैं साथ ही 2 लाख से अधिक ऐसे युवा जुड़े हुए हैं जो बालब्रह्मचारी रहकर संस्था से जुड़कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं सभी ने गहन राजयोग तपस्या कर अनुभव किए।