
ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। रीवा लक्ष्मण बाग के ऐतिहासिक मंदिर परिसर कि भूमि को नियम विरुद्ध महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्व विद्यालय को देने के मामले में उच्च न्यायालय ने रीवा कलेक्टर से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। इस पूरे मामले में जिला मुख्यालय स्थित लक्ष्मण बाग संस्थान की बहुमूल्य जमीन को संस्कृत विश्वविद्यालय को देने के बदले ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन देने की बात कही गई थी। इस पूरे मामले में सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह भी आपत्ति दर्ज कर चुके हैं। न्यायालय में दायर की गई जनहित याचिका के बाद अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है। लक्ष्मण बाग संस्थान में लेखपाल रहे ग्राम टीकर निवासी केशवकृष्ण मिश्रा के द्वारा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसे संज्ञान में लेने के बाद उच्च न्यायालय ने कलेक्टर रीवा से शासन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। अधिवक्ता नागेंद्र सिंह ने बताया है कि लक्ष्मण बाग की संपत्ति पर किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि कमेटी का अधिकार होता है। जिसका अनुबंध 30 मार्च 1954 को तत्कालीन विंध्य की सरकार और लक्ष्मण बाग संस्थान के बीच हुआ था। इस अनुबंध में कहा गया था कि संस्थान के संचालन के लिए कमेटी होगी। जिसमें अध्यक्ष संस्थान का महत्व होगा लेकिन लक्ष्मण बाग के महंत का निधन हो जाने के बाद 2005 से लक्ष्मण बाग में महंत नहीं है। और ना ही महंत की नियुक्ति की गई है।