
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यह हम नहीं कर रहे बल्कि शनिवार को आंगनबाड़ियों की जांच में असलियत सामने आई है। तहसीलदार प्रीति सिंह सिकरवार शनिवार सुबह 10 बजे के करीब अमिलहवा डांड़ स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक दो की जांच करने पहुंचीं तो केंद्र में ताला लटका हुआ मिला। घंटों इंतजार करने के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सेक्टर पर्यवेक्षक और आशा कार्यकर्ता केंद्र में नहीं पहुंचीं। तहसीलदार ने आसपास के लोगों से संपर्क किया तो स्थानीय लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र हमेशा बंद रहता है। सिर्फ मंगलवार को खुलता है। वह भी घंटे-दो घंटे के लिए है। बाकी समय बंद रहता है।
पोषण आहार तक नहीं बंटता—
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 9 से शाम 4 बजे तक खुले रहें ताकि छोटे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ अच्छा पोषण आहार दिया जा सके। वहीं गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच हो सके और पोषणयुक्त भोजन मिल सके लेकिन जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति इतनी बदतर है कि कई केंद्र खुलते ही नहीं हैं। जि हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को पोषण आहार कैसे मिलता होगा? स्थानीय लोगों द्वारा शिकायतें भी की जाती हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा केंद्रों की जांच तक नहीं की जाती है। यही वजह है कि केंद्र में पदस्थ अमला मनमानी करता रहता है।
की जायेगी हटाने की कार्रवाई—
आंगनबाड़ी केंद्र की जांच करने पहुंची तहसीलदार प्रीति सिकरवार ने बताया कि जांच के दौरान अमिलहवा डांड़ चितरवई कला आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला। घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। उनका कहना है कि लापरवाही बरतने पर जांच प्रतिवेदन तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और अन्य लोगों को सेवा से पृथक करने का प्रतिवेदन तैयार कर सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत किया जायेगा।