सीधी की सर्द रात में बिखरीं चार जिन्दगी की कहानियाँ, सिंगरौली के हर घर में पसरा है सन्नाटा

ऑपरेशन टाईम्स सीधी।। सीधी जिले में रात में हुए सड़क हादसे में सिंगरौली जिले के चार लोगों की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही सिंगरौली पहुंची। घरों में चीख पुकार मच गई। घर के बाहर पुरुष सूखी आंखों से अपने प्रियजन के खोने का शोक मना रहे हैं। तो वहीं घर के भीतर महिलाएं अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं और अपने बेटे,भाई और पति को खोने वाली महिलाएं चीख कर रो रही हैं। आलम यह है की महिलाएं रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं। होश आते ही फिर रोना शुरू कर देती हैं। किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर हो क्या रहा है और यह क्यों हुआ? मृतक सुजीत यादव के भाई अरुण यादव ने बताया कि सुजीत अम्लोरी कोयला प्रोजेक्ट में ओवी कंपनी में प्राइवेट नौकरी कर रहा था। 2 साल पहले शादी हुई थी। हम लोग धूमधाम से बहू लेकर आए थे और अब इन्हीं कंधों पर उसका जनाजा भी लेकर जाएंगे। सुजीत तीन बहनों के बाद इकलौता बेटा था। घर का चिराग था। जो अब बुझ गया। कमोबेश यही हाल घटना में मृतक रमाकांत साहू का भी है। रमाकांत महज 24 साल का था। बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी होशियार था। रमाकांत के चाचा विश्वनाथ साहू ने बताया कि हम सभी लोग जब रात में तकरीबन 9:00 बजे रमाकांत अपने दोस्तों के साथ प्रयागराज के लिए चला गया तो रिश्तेदारी में एक बारात में शामिल होने के लिए हम लोग भी चले गए। रात में तीन चार बजे के आसपास हमें जानकारी लगी की सीधी में सड़क हादसा हो गया है। जिसमें भतीजे की मौत हो गई है। रमाकांत सरकारी नौकरी करना चाहता था। कल 18 फरवरी को उसका NCL में इंटरव्यू होना था। घर में कह कर गया था कि आज जा रहा हूं। गंगा नहाने कल गंगा नहा कर आऊंगा तो NCL में इंटरव्यू देने जाऊंगा लेकिन उसका और हमारा दोनों का सपना अधूरा रह गया। नौकरी के बाद हम उसकी शादी करना चाह रहे थे। लड़कियां भी कई देख रही थी लेकिन अब यह सब सपना बनकर रह गया है। मृतकों में प्रमोद यादव के घर बेहद ही गमगीन माहौल है। मृतक प्रमोद यादव की मां जमातिया देवी अपनी सुध बुध को चुकी है। बुजुर्ग मां सुखी आंखों से रो रही है और रोते-रोते बेहोश हो जा रही है और होश आते ही फिर से रोना शुरू कर देती है। जमतिया ने बताया कि प्रमोद शाम को घर आया और बताया कि उसके सभी साथी प्रयागराज जा रहे हैं। हमको भी जाना है। खुद अपने हाथों से चटनी बनाई और थोड़ा सा खाया और उसके बाद घर से निकल गया। जो अब तक लौट कर नहीं आया है। हमको छोड़कर कहीं उड़ गया। मृतक प्रमोद के मौसिया भी सब कुछ याद करके अपने आंसू नहीं रो पा रहे हैं। मौसिया रामरतन यादव ने बताया कि सभी लड़के बचपन से एक साथ खेले, पढ़े और बड़े हुए। प्रमोद एनटीपीसी विंध्याचल में प्राइवेट नौकरी कर रहा था। हम लोग चाहते थे कि पहले बड़े भाई की शादी करें। फिर प्रमोद के लिए भी लड़की देखे। पर क्या पता था कि यह सब हो जाएगा। चौथे मृतक संदीप यादव के घर में भी लगभग ऐसा ही माहौल है। संदीप यादव की 2 साल पहले शादी हुई थी और दो महीने बाद वह पिता बनने वाला था लेकिन उसका बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया। पिता का साया सर से उठ गया। संदीप के बचपन के साथी रमेश ने बताया की संदीप ने मुझे भी चलने के लिए कहा था लेकिन घर के कुछ काम की वजह से मैं नहीं गया और संदीप अब इस दुनिया में नहीं हैं। बताया गया कि सभी मृतक प्रमोद यादव, संदीप साहू रमाकांत साहू और सुजीत यादव एक साथ ही पढ़े लिखे और बड़े हुए। अब एक साथ ही इस दुनिया से भी अलविदा हो गए। संदीप साहू को छोड़कर बाकी के तीनों मृतक सिंगरौली जिले के वार्ड नंबर 20 जैतपुर के रहने वाले थे और सभी के घर अगल-बगल में ही बने हुए हैं। जबकि संदीप साहू बैढ़न थाना क्षेत्र के तियारा गांव का रहने वाला था।