
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए तहर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कभी बिजली कर्मी तो कभी पंचायत कर्मी या पुलिसकर्मी बनकर लोगों को जाल में फंसाते हैं। सीबीआई और ईडी जिनका नाम आधे उपभोक्ता जानते भी नहीं होंगे पर ठग इनके नाम पर भी लोगों को निशाने पर लेते हैं। जिले में साइबर अपराधी कुछ लोगों के साथ सेक्सटॉर्सन की घटनाएं भी कर चुके हैं। साइबर क्रिमिनल पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। हर साल शिकायतें बढ़ रही हैं। पुलिस के पास साइबर अपराधियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक संसाधान नहीं हैं। संसाधन के अलावा साइबर के जानकारों की कमी भी पुलिस विभाग में है। कुछ मामलों पुलिस को तत्काल सूचना मिल जाती है तो पुलिस ऐसे मामलों में एक्शन लेकर या तो राशि को वापस करा देती है या फिर होल्ड करा देती है। वहीं कई ऐसे मामले आते हैं। जिनमें पहले से ही काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे मामलों में पुलिस सिर्फ अपराध दर्ज करने तक ही सीमित रहती है।
पुलिस के लिए बने हैं चुनौती—
बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिये पुलिस लगातार जन जागरुकता अभियान चला रही है। उसके बाद भी साइबर ठग रूप बदल-बदल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। पिछले साल साइबर ठगों के जाल में जिले के 800 से अधिक लोग फंस चुके हैं। राहत की बात यह रही कि पुलिस की सतर्कता और तत्परता से करीब 20 लाख रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस कराई गई और 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को फ्रीज कराया गया है।
इन बातों का रखें ध्यान ताकि आप न फसें—
• किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर अपने बैंक खाता संबंधी व व्यक्तिगत जानकारी न दें।
• ऑनलाइन ट्रांसफर साइट आदि में अज्ञात लिंक को क्लिक न करें। अनजान नंबरों की कॉल को रिसीव न करें।
• सोशल मीडिया में अपनी दैनिक गतिविधियां, फैमली ट्रिप आदि के बारे में पोस्ट करने से बचें।
• अपने डेबिड और क्रेडिट कार्ड आदि का पिन नंबर समय-समय पर बदलते रहें।
• किसी अनजान व्यक्ति की मदद से एटीएम से कैश न निकालें।
• नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि को पासवर्ड बनाने से बचें, कस्टमर केयर के नंबर कभी गूगल में सर्च न करें।
• पब्लिक वाईफाई में ऑनलाइन शापिंग या बैंकिंग ट्रांजेक्शन न करें। अनचाही लिंक को टच करने से बचें।
1930 पर करें शिकायत—
साइबर ठगों से निपटने के लिए पुलिस समय समय पर जन जागरुकता अभियान चलाती है। अगर किसी के साथ साइबर ठगी होती है तो सबसे पहले 1930 हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करानी चाहिये ताकि खाते से निकाली गई राशि को समय रहते होल्ड किया जा सके। किसी कारण से अगर हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क नहीं हो पाता तो तत्काल पुलिस चौकी व थाने में जाकर शिकायत दर्ज करायें। अगर समय पर शिकायत दर्ज नहीं हुई तो खाते से निकाली गई राशि वापस नहीं मिलती है।
कई तरीके से करते हैं फ्राड—
साइबर क्राइम से जुड़ी जो शिकायतें पुलिस के पास आईं उनको देखकर पुलिस भी हैरान हो जाती है, क्योंकि साइबर अपराधी कई तरीके से फ्राड कर रहे हैं। साइबर अपराधियों द्वारा नये-नये तरीके से फ्राड किये जाने से पुलिस भी हैरान है। जानकारों की मानें तो साइबर अपराधी हर पांच माह में पैटर्न बदल देते हैं। कभी ओटीपी पूछकर खाते से राशि पार कर देते हैं तो कभी किसी सरकारी योजना जैसे लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना, प्रधानमंत्री आवास योजना और किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर लोगों को फोन कर पर्सनल जानकारी एकत्र करते हैं और बैंक खाते से राशि निकाल लेते हैं।
मोबाइल गुमने की 2283 शिकायतें हुई प्राप्त— पिछले साल से लेकर अब तक मोबाइल चोरी होने व गुमने की 2283 शिकायतें पुलिस के पास पहुंची है। दर्ज शिकायतों में से अब तक पुलिस 851 मोबाइल तलाश कर लोगों को दे चुकी है। वहीं 14 सौ से अधिक मोबाइल की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। मोबाइल की तलाश में पुलिस की टीम बिहार, यूपी, बंगाल तक जा चुकी है। वहीं कई मोबाइल की लोकेशन प्राप्त करने के लिए पुलिस सार्विलांस में रखकर नजर रख रही है।
इनका कहना है—
साइबर ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हमें पूरी सतर्कता बरतने की जरुरत है। जिले में भी साइबर ठग कई लोगों को निशाने में ले चुके हैं। अब तक 85 लाख रुपये होल्ड कराया गया है और 20 लाख रुपये से अधिक की राशि वापस कराई जा चुकी है। लोगों को जागरुक किया जा रहा है कि साइबर अपराधियों से बचें। हम थाना स्तर पर कर्मियों को प्रशिक्षित कर रहे है ताकि साइबर ठगों पर कार्रवाई की जा सके।
मनीष खत्री एसपी सिंगरौली