पार्षद द्वारा स्वयं पैसा जमा करने के बावजूद नहीं हुआ 47 गरीब परिवारों का नल कनेक्शन, सौंपा ज्ञापन
नगर निगम के वार्ड 36 पार्षद ने अमृत योजना 01 में ब्यापक भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, दी आन्दोलन की चेतावनी

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। नगर पालिक निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 36 के पार्षद प्रेम सागर मिश्रा ने अमृत योजना 1 में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नगर पालिक निगम सिंगरौली प्रत्येक परिषद कार्यवाही के दौरान लिखित आपत्ति पत्र के साथ विस्तृत च चर्चा हुआ है। किन्तु कार्यवाही जांच रिपोर्ट में शासन के योजना अमृत नलजल-पाईप लाईन 1 में बड़े ब्यापक स्तर पर बिना कार्य किये ही करोड़ों रुपये का भुगतान संविदाकार को निगम के अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ कर वित्तीय लाभ पहुंचाया गया है। इसके वावजूद भी आज तक संबन्धित दोषी संविदाकार/अधिकारियों के खिलाफ विधि-संगत कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। साथ ही वार्ड-36 में गरीब, असहाय परिवार को निगम के द्वारा भेदभाव की भावना से मूलभूत पेयजल से सैकड़ो परिवार वंचित है। वार्ड-36 में गरीब, असहाय बीपीएल परिवार को निगम के द्वारा कनेक्शन नहीं दिये जाने की स्थिति में दिनांक-18/12/2024 को पार्षद प्रेमसागर मिश्रा ने अपने मानदेय राशि से कटौती कराकर कनेक्शन के लिए घोषणा पत्र दिया था इसके वावजूद भी कनेक्शन नहीं हुआ। पुनः पत्र क्र0-590/25 दिनांक 06/01/2025 को 47 परिवार को नलजल कनेक्शन के लिए सूची के साथ, सैतालिस हजार (47000.00) रुपये प्राप्त अपने मानदेय से चेक के माध्यम से निगामयुक्त को वार्ड-36 में गरीब, असहाय बीपीएल परिवार को मूलभूत सुविधा हाउस नलजल कनेक्शन के लिए दिया गया है। किन्तु अभी तक कोई कनेक्शन नहीं हुआ है। वार्ड 36 के गरीब असहाय आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में पार्षद प्रेमसागर मिश्रा द्वारा पुनः निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपकर गरीब असहाय परिवारों को अतिशीघ्र नल कनेक्शन दिलाये जाने की मांग की है। उन्होने कहा कि परिषद के द्वारा गठित जांच कमेटी के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन का अवलोकन कर बकाया कार्य पूर्ण कराने एवं उक्त कार्य में लिप्त दोषी संविदाकाद्भ एवं अधिकारियों के विरुद्ध विधि-संगत कार्यवाही की जाये व वार्ड-36 में नलजल हाउस कनेक्शन 01 सप्ताह के अंदर करवाया जाए। कनेक्सन नहीं होने के स्थिति में नगर पालिक निगम सिंगरौली कार्यालय घेराव/धरना प्रदर्शन के लिए उन्हे बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी ज़िम्मेदारी/जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी।।