रीवा में निकाह के पांच साल में ही युवक ने तीन बार तलाक़ कह कर डेढ़ साल के मासूम के साथ पीड़िता को किया बेघर

ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। रीवा एक बार फिर शरिया कानून को संविधान से ऊपर मानते हुए घोघर मोहल्ले के निवासी नसरत खान तीन बार तलाक कह कर डेढ़ साल के मासूम के साथ पीड़िता को घर से बाहर निकाल दिया। भले ही केंद्र और राज्य की सरकारें महिला सशक्तिकरण और नारी सुरक्षा को लेकर कितने ही कानून क्यों ना बना लें लेकिन आज भी दकियानूसी सोच रखने वाले कट्टरपंथी शरिया कानून को भारतीय संविधान से ऊपर मानते हैं। ऐसा ही एक मामला रीवा में सामने आया है जहां निकाह के पांच साल के अंदर ही अपनी पत्नी और डेढ़ वर्षीय मासूम को तीन बार तलाक बोल कर घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब पीड़िता अपनी मासूम बेटी के साथ न्याय पाने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। मामले के संबंध में पीड़िता ने मीडिया से व चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2020 में उसके माता-पिता ने बड़ी धूमधाम से उसका निकाह घोघर मोहल्ले के निवासी नसरत खान के साथ किया था। निकाह के बाद से ही व पीड़िता का पति सास ससुर और जेठ जेठानी लगातार उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। इस दौरान वह गर्भवती भी हुई। तो उसे मायके वाले लेकर अपने घर चले आए। जहां उसने एक बेटी को जन्म दिया। जिसे देखने के लिए उसका पिता और ससुराल पक्ष के लोग आज तक नहीं आए। वही जब पीड़िता का पिता अपनी बेटी और पोती को लेकर उसे छोड़ने उसकी ससुराल पहुंचा तो पति ने उसके पिता के सामने ही पीड़िता के साथ मारपीट शुरू कर दी और तलाक तलाक तलाक कह कर घर से बेघर कर दिया। वही इस पूरे मामले की शिकायत पीड़िता ने महिला थाने सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की है।।