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भोपाल में 15 साल की नाबालिग से रेप का मामला आरटीआई एक्टिविस्ट पर आरोप, फिर पलटे बयान

ऑपरेशन टाईम्स रीवा/भोपाल।। भोपाल के रवींद्र भवन की पार्किंग में 15 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में नया मोड़ सामने आया है। भोपाल पुलिस के अनुसार नाबालिग ने खुद स्वीकार किया है कि उसने किसी व्यक्ति के कहने पर आरोप लगाए थे। वहीं आरोपी आरटीआई एक्टिविस्ट भगवान सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए वीडियो जारी कर साजिश का आरोप लगाया है।

मामले की शुरुआत-मऊगंज में ऋषभ,भोपाल में जांच—

(1) शिकायत दर्जा 1 मार्च को नाबालिग के परिवार ने मऊगंज पुलिस थाने में जीरो पर एफआईआर दर्ज कराई। मामला संदिग्ध लगने पर मऊगंज पुलिस ने केस भोपाल के श्यामला हिल्स थाने को ट्रांसफर कर दिया।

(2) बयानों में बदलाव भोपाल की श्यामला हिल्स पुलिस ने काउंसलरों की मौजूदगी में नाबालिग के बयान दर्ज किए। डीसीपी जोन-2 रियाज इकबाल ने बताया कि नाबालिग ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उसने किसी व्यक्ति के कहने पर आरटीआई एक्टिविस्ट भगवान सिंह का नाम लिया था।

(3) वीडियोग्राफी बयानों की रिकॉर्डिंग भी की गई, जो पुलिस के पास सुरक्षित है। भगवान सिंह का पक्ष साजिश का आरोप। भगवान सिंह ने वीडियो में कहा मैं सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट हूं। मैंने बीयू यूनिवर्सिटी की धांधली और जयश्री गायत्री फूड्स के खिलाफ शिकायतें की थीं। इसके चलते मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने दावा किया कि घटना के समय वे ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ऑफिस में और 7 बजे / नंबर स्टॉप पर मौजूद थे। भगवान सिंह ने कहा, मुझे फंसाने के लिए दलित बच्ची को टूलकिट बनाया गया है। इससे पहले भी मुझे जान से मारने की कोशिश की गई थी।

परिवार का पक्ष —
घटना का विवरण नाबालिग के पिता भोपाल में मजदूरी करते हैं। लोकरंग महोत्सव के दौरान उनकी बेटी को एक परिचित मदद के लिए अपने साथ ले गए थे। परिवार का आरोप है कि भगवान सिंह ने बच्ची को बहलाया-फुसलाया और पार्किंग में ले जाकर दुष्कर्म किया। घटना के बाद बच्ची को जान से मारने की धमकी भी दी गई। बेटी की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर के पास ले जाने पर ही मामले का खुलासा हुआ। परिवार का कहना है कि श्यामला हिल्स थाने में पहले उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। जिसके बाद वे मऊगंज गए।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई—
डीसीपी रियाज इकबाल ने कहा बयानों की रिकॉर्डिंग सुरक्षित है। केस डायरी मिल गई है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई जल्द की जाएगी। मऊगंज एएसपी अनुराग पांडेय के अनुसार जीरो पर एफआईआर दर्ज करने के बाद केस डायरी भोपाल ट्रांसफर की गई है। श्यामला हिल्स पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

क्या है सच्चाई—?
यह मामला बेहद संवेदनशील है। एक तरफ नाबालिग बच्ची और उसके परिवार के आरोप हैं तो दूसरी तरफ एक आरयेआई एक्टिविस्ट खुद को निर्दोष बताते हुए साजिश की बात कर रहा है। भगवान सिंह ने निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) बनाने की मांग की है।

संभावित कार्रवाई—
पुलिस द्वारा एसआईटी का गठन किया जा सकता है। वोडियो फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और गवाहों के बयानों का परीश्क्षण किया जाएगा।निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।

न्याय की उम्मीद—
इस घटना ने समाज में न्याय और निष्पक्षता की आवश्यकता को उजागर किया है। पुलिस और न्यायपालिका पर जिम्मेदारी है कि वे सच्चाई को सामने लाएं ताकि न किसी निर्दोष को सजा हो और न ही किसी दोषी को बच निकलने का मौका मिले।

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