मध्य प्रदेश में 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, नहीं लगाया कोई नया टैक्स, सिंगरौली को 200 वेड प्रस्तावित, लाडली बहनों का नहीं बढ़ेगा मानदेय

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4,21,032 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। लाडली बहना योजना के अंतर्गत आवंटन नहीं बढ़ाया गया है। जिसके बाद प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है। बजट में न तो कोई नया कर लगाया गया है और न ही किसी पुराने कर की दर में इजाफा करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बजट को भाजपा जहां ऐतिहासिक बता रही है तो वहीं कांग्रेस ने बजट को निराशा जनक बताया है। बजट में लाडली बहनाओं को ठगा गया है।
लाड़ली बहना योजना का नहीं बढ़ा आवंटन—
प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं को दी जाने वाली राशि नहीं बढ़ाई जा रही है लेकिन महिलाओं को केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना से जोड़ने की घोषणा की गई। मध्य प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि की दर देश में सबसे अधिक है और इसमें गत 22 सालों में 17 गुना का इजाफा हुआ है।
बजट में हर वर्ग का रखा गया ध्यान : राधा सिंह—
बजट पेश होने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह ने कहा कि हर वर्ग के विकास और विश्वास का बजट है यह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने भी विकसित मध्यप्रदेश 2047 का विजन पेश किया है। प्रदेश का यह बजट पीएम मोदी के संकल्प को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। हमारी सरकार ने बजट में हर वर्ग का खास ख्याल रखा गया है। गरीब, महिला, युवा और किसान वर्गों के विकास के लिए खास योजनाएं इस बजट में लागू की गई है। गोपालक किसानों के लिए खास योजना इस बजट में हम लेकर आए हैं। आधुनिक स्टेडियम हम जिला स्तर पर बनाएंगे। बजट में सिंगरौली में 200 बेड का अस्पताल को लेकर बजट का प्रावधान किया गया है। क्योंकि सरकार हर वर्ग को ध्यान में रख रही है।
बजट में चौमुखी विकास पर दिया जोर : राजेंद्र मेश्राम—
वहीं बजट के बाद भाजपा विधायक राजेंद्र मेश्राम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में सरकार ने चहुंमुखी विकास पर जोर दिया है। महिला, किसान, युवाओं और गरीबों के कल्याण पर जोर दिया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए सरकार कई योजनाएं चलाने की तैयारी कर रही हैं।
बजट को बताया ऐतिहासिक : ध्रुवसिह—
प्रदेश का आम बजट लागू किए जाने पर सिंगरौली भाजपा के जिला मंत्री ध्रुव सिंह ने सराहनीय कदम व ऐतिहासिक बजट बताया है। ध्रुव सिंह ने कहा कि इसमें सबसे निचले तबके से लेकर सरकारी कर्मचारी और प्रदेश के विकास सहित सबका पूरी तरह से ख्याल रखा गया है। टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है ना ही कोई नया टैक्स लगाया गया है। इससे सभी को राहत मिलने वाली है। प्रदेश के वित्त मंत्री ने हर विधानसभा में एक स्टेडियम देने का ऐलान किया है। यह स्वागत योग्य है प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई का रकबा बढ़ेगा, रोजगार के अवसर आएंगे कुल मिलाकर के कहा जा सकता है की विकसित मध्य प्रदेश की परिकल्पना को पूरा करने वाला यह बजट है।
बाइपास सड़क निर्माण के लिए बजट में नहीं दी तरजीह : अमित द्विवेदी—
कांग्रेस नेता अमित द्विवेदी ने कहा- बजट में तारीफ करने जैसा कुछ नहीं है। खास तौर से सिंगरौली के लिए जिस तरह से उम्मीदें थीं। उस तरह से सिंगरौली को कुछ नहीं मिला। सिंगरौली के सभी विधायक भाजपा से हैं। सांसद भारतीय जनता पार्टी से हैं। यहां तक कि राज्य मंत्री भी सिंगरौली से हैं। सिंगरौली प्रदेश में सबसे राजस्व देने वाला जिला है बावजूद इसके कुछ नहीं मिला। यहां सिंचाई के रकबा को बढ़ाने की जरूरत थी। दूसरे जिलों से कनेक्टिविटी के लिए बजट की जरूरत थी। एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए बजट की जरूरत थी। जिले में लगातार लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। बाईपास की लंबे समय से मांग की जा रही है। लेकिन बाइपास सड़क निर्माण के लिए कुछ नहीं मिला।
ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा युवाओं को पकड़ आया झुंनझुना—
सरकार के बजट में युवाओं को फिर निराशा हाथ लगी है। सरकारी नौकरियों, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में युवाओंको सिर्फ सपना दिखाया गया है। प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देने वाला सिंगरौली जिला को झुनझुना पकड़ा दिया है। ना एयरपोर्ट के लिए और ना ही बाईपास सड़क निर्माण के लिए कुछ नहीं दिया गया। धूल-धुआ और प्रदूषण सिंगरौली के खाएं। विकास की बात आए तो इंदौर और भोपाल का नाम पहले आता है। यहां के लोगों को भाजपा के करनी और कथनी को समझना होगा।
राम शिरोमणि शहवाल ने साधा निशाना—
वहीं राम शिरोमणि शहवाल ने बजट पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बजट में भी जनता को झुनझुना पकड़ाया है। मप्र का बजट बढ़ाकर कर्ज की सीमा बढ़ाना है। जिससे करप्शन और कमीशन भी बढ़ाया जा सके। मध्यप्रदेश में पिछले 4 साल में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की संख्या में कमी आई है। एससी-एसटी वर्ग और महिलाओं को लगातार कम नौकरियां मिल रही। कर्ज के बजट से किसी के घर का विकास नहीं होता। सरकार को मतलब है तो सिर्फ कर्ज लेकर घी पीने का।