
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली/मऊगंज।। एमपी के मऊगंज में हुई भीषण हिंसा को लेकर प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। सीएम मोहन यादव से लेकर DGP कैलाश मकवाना तक इस पूरे मामले में पैनी नजर बनाए हुए हैं। इस मामले पर कांग्रेस मोहन सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठा रही है। वहीं सरकार हिंसा पर सख्त हो चुकी है। ताजा अपडेट के मुताबिक सतना जिले के पवईया गांव के रहने वाले एएसआई रामचरण गौतम मऊगंज में हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों के हमले में शहीद हो गए थे। अंतिम संस्कार के कार्यक्रम के लिए शहीद की पार्थिव देह उनके निज गांव पहुंच चुकी है।पुलिस-प्रशासन और परिजनों की मौजूदगी में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद ASI की पार्थिव देह पवईया स्थित उनके गृह ग्राम गुलुआ पवईया पहुंची तो लोगों की आंखें नम हो उठी। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। गार्ड ऑफ ऑनर और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया किया गया। परिवार ने सरकार से पुलिसकर्मियों को गोली चलाने का अधिकार मांगा है ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो सके।
राज्य मंत्री बागरी, कलेक्टर और एसपी पहुंचे शहीद के गांव—
मऊगंज की हिंसा में शहीद ASI रामचरण गौतम का शव उनके गृह ग्राम गुलुआ पवईया पहुंचते पूरे गांव में मातम पसर गया। लोगों की आंखे बह चली। शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, जिला कलेक्टर सतीश कुमार एस, एसपी आशुतोष गुप्ता भी मौजूद रहे।
1984 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे गौतम —
शहीद एएसआई रामचरण गौतम अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनके शहीद होने की खबर से परिवार व गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजन और ग्रामीण दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एएसआई रामचरण गौतम 1984 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे रीवा जिले के शाहपुर में पदस्थ थे। हिंसा के दौरान उनकी ड्यूटी मऊगंज में लगी थी। ड्यूटी के दौरान ही उपद्रवियों ने हमला कर दिया। जिसमें वे शहीद हो गए। परिवार ने विभाग से एक अनुकंपा नियुक्ति और ऐसी परिस्थितियों में पुलिसकर्मियों को गोली चलाने का अधिकार देने की मांग की है।