
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली जिला अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा मरीजों के परिजनों से अवैध रूप से पैसे मांगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। डेंटल सर्जरी और लेबर वार्ड में चिकित्सकों पर भारी रकम वसूलने के आरोप लगे हैं। जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं और एक विशेष टीम गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
30 हजार की अवैध वसूली—
मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि डेंटल सर्जरी के नाम पर भारी रकम की मांग की गई। जानकारी के अनुसार सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल रामबृज केवट और लालजीत पंडो का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा था।
इनसे लिए पैसे—
रामबृज केवट से 25 हजार रुपये लालजीत पंडो से 5 हजार रुपये इलाज के नाम पर वसूले गए। परिजनों का दावा है कि उन्हें लाइफ मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदने की पर्ची दी गई। जिस पर डेंटल चिकित्सक डॉ. रचना सिंह का नाम दर्ज था। बताया जा रहा है कि डॉ. रचना सिंह पांच साल के बांड पर पदस्थ हैं और उनकी डिग्री फिलहाल मेडिकल काउंसिल भोपाल के अधीन है। ऐसे में बांड की अवधि पूरी होने से पहले निजी प्रैक्टिस करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। फिर भी उन पर कथित रूप से निजी क्लीनिक संचालित करने और मरीजों से पैसे वसूलने के आरोप लगे हैं। इस मामले को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है।
प्रसव के नाम पर लिए 5 हजार रुपये—
लेबर वार्ड में भी अवैध वसूली का मामला सामने आया है। शिवम विश्वकर्मा नामक युवक ने एसपी को आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बहन की डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपये की मांग की गई थी। आर्थिक तंगी के बावजूद उसने किसी तरह कर्ज लेकर यह राशि अस्पताल के लेबर वार्ड प्रभारी चिकित्सक को दी। इसके बाद डॉ. ज्योति सिंह और डॉ. उमेश सिंह ने सिजेरियन ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई। लेकिन डिलीवरी के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और उसे रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ा। इस घटना ने जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच के लिए गठित हुई टीम—
सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह ने इन गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। डिलीवरी मामले की जांच के लिए डॉ. संदीप कुमार भगत, डॉ. बालेंदु कुमार शाह और ऑपरेटर संतोष शाह को जिम्मेदारी दी गई है। डेंटल सर्जरी में कथित वसूली के मामले की जांच के लिए अलग से टीम गठित की जा रही है।
अस्पताल प्रबंधन कटघरे मे—
सरकारी अस्पतालों में मरीजों से अवैध वसूली जैसी घटनाएं स्वास्थ्य तंत्र की खामियों को उजागर करती हैं। इलाज के नाम पर पैसे मांगना और जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक शोषण का शिकार बनाना गंभीर अपराध है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। जिससे सच सामने आने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।।