
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। चितरंगी थाना क्षेत्र में रेत कारोबारियों को पुलिस का किस तरह संरक्षण मिला, एक सनसनी खेज मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है। अब यह मामला चितरंगी पुलिस के लिए गले का फांस बन गया है। मामला सोनघड़ियाल अभ्यारण्य वृत्त बीछी बगदरा से जुड़ा हुआ है। दरअसल पिछले वर्ष 10 दिसम्बर को सोनघड़ियाल अभ्यारण्य वृत्त बीछी के बीट गांगी से एक स्वराज ट्रैक्टर मय ट्रॉली एवं सोन नदी के रेत के साथ खैरा घाट सोन नदी से घेराबंदी कर पकड़ते हुये ट्रैक्टर को सुपुर्दगी में सुरक्षार्थ चितरंगी थाना में ले जाकर खड़ा कराया गया। जहां विधिवत पंचनामा तैयार कराया गया। साथ ही ट्रैक्टर के चेचिस एवं इंजन के आधार पर सोनघड़ियाल अभ्यारण्य ने वन जीव संरक्षण अधिनियम 1927 की धारा 27, 29, 39(1) 1, 53 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 2, 41 52 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में ले लिया। सोनघड़ियाल अभ्यारण्य में सुपुर्दनामा में 2.5 घन रेता भी ट्रॉली इंजन के साथ एक चाभी छल्ला सौपा था। सुपुर्दनामा थाना प्रभारी समेत सोनघड़ियाल अभ्यारण्य के वन रक्षक के अलावा लक्ष्मन पनिका व अन्य के हस्ताक्षर भी हैं। यह ट्रैक्टर खैरा गांव निवासी राजू जायसवाल पिता किशुनदास जायसवाल का है। इस बीच जप्त वाहन ट्रैक्टर के विरूद्ध राजसात कार्रवाई प्रचलित है। इसके बावजूद ट्रैक्टर को चितरंगी पुलिस ने मुक्त कर दिया। इसमें वन विभाग के अनुमति नही ली गई। जिसके संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी सोनघड़ियाल अभ्यारण्य चितरंगी मुख्यालय सिहावल के द्वारा चितरंगी पुलिस थाना प्रभारी को दो पत्राचार कर सुपुर्द किये गये उक्त ट्रैक्टर की मांग की गई, किं तु चितरंगी पुलिस के द्वारा सोनघड़ियाल अभ्यारण्य के अमले को पत्राचार का कोई जवाब नही दिया जा रहा है। जबकि सोनघड़ियाल अभ्यारण्य ने उक्त संबंध में न्यायालय प्रथम श्रेणी देवसर को भी सूचना दी जा चुकी थी। इसके बावजूद चितरंगी पुलिस ने बिना वन विभाग के अनुमति के वाहन को मुक्त कर दिया। अब यह मामला काफी तूल पकड़ने लगा। इस बीच पता चला कि चितरंगी पुलिस ने कार्रवाई में बड़ा खेला कर दी है। सोनघड़ियाल अभ्यारण्य कार्रवाई को न बताकर चितरंगी पुलिस ने गीरछांदा से उक्त ट्रैक्टर को रेत के साथ पकड़ने के कार्रवाई को अपनी पीठ थपथपाने लगे। सोनघड़ियाल अभ्यारण्य ने चितरंगी पुलिस के काले करतूतों का भण्डाफोड़ कर उनकी कलई को खोल दिया है। चितरंगी पुलिस गोलमाल जवाब दे रही है। इधर इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक रंजन ने कहा कि अभी इस मामले में जानकारी ली जा रही है।
दूसरी बार खैरा में ही रेत के साथ पकड़ा था ट्रैक्टर—
सोनघड़ियाल अमले को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि खैरा घाट के सोन नदी से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन जोरो के साथ चल रहा है। सोनघड़ियाल वन अमले की टीम ने खैरा घाट में जनवरी महीने में दबिश देते हुये चार ट्रैक्टरों को पकड़ा था। जिसमें राजू जायसवाल का भी ट्रैक्टर शामिल था। सूत्र बताते हैं कि जब सोनघड़ियाल वन अमले को दोबारा अवैध रेत के साथ ट्रैक्टर पकड़ाया तो, वे उसे देखकर हैरान हो गये कि आखिरकार ट्रैक्टर आया कहां से। सोनघड़ियाल अमला पता लगाने में जुट गया। इस दौरान जानकारी मिली कि चितरंगी पुलिस ने खनिज अधिनियम एवं रेत चोरी के अपराध में ट्रैक्टर जप्त कर कार्रवाई की है। इसके बाद पत्राचार शुरू हुआ, लेकिन आज तक उक्त पत्राचार का जवाब चितरंगी पुलिस नही दे पाई है, बल्कि अब चितरंगी पुलिस अपनी खुद की कार्रवाई बता रही है।
राजसात से ट्रैक्टर को बचाने चितरंगी पुलिस ने किया खेला—
दरअसल जप्त ट्रैक्टर को सोनघड़ियाल अभ्यारण्य बगदरा अमला राजसात की कार्रवाई करता। सूत्र बताते हैं कि इस कार्रवाई से बचने के लिए रेत कारोबारी राजू पिता किशुनदास जायसवाल एवं पुलिस के बीच बड़ी डील हुई है और पुलिस ने अनन-फानन में ट्रैक्टर को गीरछांदा मार्ग मुखिया सिंह के घर के पास ट्रैक्टर को जप्त करना बताते हुये धारा 303(2),317(5),बीएनएस 4.21 खान खनिज अधिनियम का पंजीबद्ध कर कार्रवाई की थी। बाद में जुर्माना के आधार पर ट्रैक्टर छूट गया। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इसमें चितरंगी के तत्कालीन एसडीओपी को भी भलीभांति जानकारी थी। फिर भी अपनी पीठ थपथपाने और ट्रैक्टर को राजसात के कार्रवाई से बचाने के लिए बड़ा खेला कर दिया।
इनका कहना:-
हमारे कार्यकाल के दौरान की कार्रवाई नही है। चितरंगी थाने में 10 दिसम्बर को दोपहर 1 बजे रेत से भरे ट्रैक्टर को पकड़कर अपराध क्रमांक 481/24 में दर्ज हुआ है। चितरंगी थाने में अपराध पंजीबद्ध हुआ है। पंचनामा में सोनघड़ियाल के चौकीदार के भी हस्ताक्षर हैं।न्यायालय से ट्रैक्टर छोड़ गया है।
सुधेश तिवारी
निरीक्षक, थाना चितरंगी