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‘निमिषा प्रिया को रिहा किया जाएगा’, ईसाई प्रचारक केए पॉल का दावा

ऑपरेशन टाईम्स नई दिल्ली।। यमन की जेल में बंद भारतीय नर्ष निमिषा प्रिया को रिहा किया जाएगा। ईसाई धर्म के प्रचारक केए पॉल ने ये दावा किया है। साथ ही केए पॉल ने पीएम मोदी को धन्यवाद भी कहा है। ईसाई धर्म के प्रचारक और ग्लोबल पीस इनीशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात को एक वीडियो संदेश में दावा किया कि यमन की राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी गई है। डॉ. केए पॉल ने वीडियो संदेश में यमन के नेताओं को धन्यवाद दिया और उनकी कोशिशों की सराहना की। डॉ. केए पॉल ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद डॉ. केए पॉल ने कहा कि ‘यमन के नेताओं ने बीते 10 दिनों तक दिन रात काम किया। डॉ. पॉल ने कहा कि मैं उन सभी नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद्द कराने में मदद की। भगवान के आशीर्वाद से निमिषा प्रिया को जल्द ही रिहा किया जाएगा और फिर वह भारत लौटेगी। मैं प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद करता हूं, जो निमिषा प्रिया को ले जाने के लिए राजनयिक भेज रहे हैं।’ बीते हफ्ते भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अपने एक बयान में बताया था कि सरकार निमिषा प्रिया को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठा रही है। सरकार ने निमिषा प्रिया के परिवार की मदद के लिए एक वकील भी नियुक्त किया है, जो यमन के कानून के मुताबिक उनकी मदद कर रहा है। साथ ही शरिया कानून के तहत निमिषा को माफी मिलने के कोशिशों की भी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के बयान से पहले केरल के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबकर अहमद कांतापुरम ने बताया कि उन्होंने यमन के मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात की है और उनसे निमिषा प्रिया की रिहाई की अपील की। शेख अबुबकर ने दावा किया कि उनके बात करने के बाद ही निमिषा को 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी की सजा टाल दी गई थी।

निमिषा को यमन में क्यों मिली मौत की सजा—?
केरल के पलक्कड़ की निवासी निमिषा प्रिया साल 2008 में एक नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन गई थीं। वहां कई अस्पतालों में काम करने के बाद निमिषा प्रिया साल 2011 में केरल वापस आई और यहां टॉमी थॉमस से उनकी शादी हुई। दोनों की एक बेटी है, जो इस समय केरल में रहती है। साल 2015 में निमिषा ने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक की शुरुआत की थी। साल 2017 में महदी का शव एक वॉटर टैंक में पाया गया और हत्या का आरोप निमिषा पर लगा। आरोप है कि निमिषा ने नींद की दवा की अधिक डोज देकर महदी की हत्या की और उनके शव को छिपाने की कोशिश की। इसके एक महीने बाद निमिषा को यमन-सऊदी अरब की सीमा से गिरफ्तार किया गया। निमिषा के वकील ने दलील दी कि महदी ने निमिषा का शारीरिक उत्पीड़न किया और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था और निमिषा को धमकाया था। हालांकि तलाल अब्दो महदी के भाई ने इन आरोपों से इनकार किया। साल 2020 में, सना की एक अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई। साल 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस सजा को बरकरार रखा। निमिषा प्रिया फ़िलहाल सना जेल में बंद है।

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