

नशा करने वालों को रोल मॉडल न मानेंः कलेक्टर—
कलेक्टर महोदय ने अपने प्रेरणास्पद उद्बोधन में कहा-14 से 18 वर्ष की उम्र वह नींव है, जिस पर पूरा जीवन बनता है या बिगड़ता है। नशा केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि सोच, आत्मा और समाज से रिश्तों को भी नष्ट करता है। उन्होंने छात्रों को बताया कि माता-पिता, शिक्षक और समाज को उनसे बहुत उम्मीदें हैं हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा कलेक्टर बने, एसपी बने। एक आदर्श नागरिक बने। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे नशा करने वालों को रोल मॉडल न मानें बल्कि उन आदर्श व्यक्तित्वों को देखें जिन्होंने संघर्ष और मेहनत से सफलता पाई है।


नशामुक्ति अभियान एक जनजागरणः एसपी—
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने कहा नशा जीवन को खोखला करता रता है। सोचने की शक्ति छीन लेता है है और आपके माता-पिता के सपनों को तोड़ देता है। उन्होंने बताया कि यह अभियान सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक जन-जागरण है जिसमें पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त भागीदारी है। पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने छात्रों से अपील की कि यदि वे कहीं भी नशे से जुड़ी गतिविधि देखें, तो तत्काल डायल 100 पर सूचित करें। उन्होंने यह भी कहा कि आपका एक कदम किसी और की जिंदगी बचा सकता है। अपने भविष्य को नशे के अंधेरे से बचाएं क्योंकि यह समय मेहनत का है पछतावे का नहीं।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने ली ‘नशा मुक्ति’ की शपथ—
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को नशे से सदैव दूर रहने की शपथ दिलाई गई। विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को अत्यंत प्रभावशाली और सार्थक बना दिया। इस अवसर पर नगर पुलिस अधीक्षक विंध्यनगर श्री पी.एस. परस्ते, थाना प्रभारी बैढ़न श्री अशोक सिंह परिहार, विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। नशे से मुक्ति केवल व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। आज का जागरुक बच्चा, कल का जिम्मेदार नागरिक है।