महिला सुरक्षा में नाकामयाब प्रदेश सरकार वृद्धि महिला से बच्चियां तक असुरक्षित:-“जिलाध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी”

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने अपना वक्तव्य जारी करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान का प्रदेश की भाजपा सरकार ढोंग कर रही है । आज बेटियों के खिलाफ हो रहे अपराधों में मध्य प्रदेश अव्वल तो नहीं पर दूसरे स्थान पर पहचाने जाने लगा है बीते 18 वर्षों में भाजपा सरकार महिला अपराधों को रोकने में असफल रही है इन 18 वर्षों में 4 लाख से अधिक महिलाएं अत्याचार की पीड़ा भोग रही है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में आया है की 2024 में 65000 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुई हैं यह सरकारी आंकड़े हैं स्थिति इससे भी बदतर है। उन्होंने कहा कि 140000 से अधिक मामले महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मध्य प्रदेश में लंबित हैं प्रदेश में 3 वर्ष के मासूम से 70 वर्ष की वृद्ध महिला तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार ना तो बेटियों को पढ़ने में कामयाब है और ना बचाने में स्कूलों तक में बेटियां सुरक्षित नहीं है । कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अभी बीते दिनों छेड़खानी के आरोप में एक भाजपा पार्षद को महिलाओं ने पड़कर बीच सड़क पर पीटा है यह मध्य प्रदेश के उस भाजपा सरकार का हाल है जो लाडली बहना योजना के ही दम पर सरकार में आई है यह सरकार ढोंगी और महिला विरोधी है । मध्य प्रदेश के मोहन सरकार का हाल यह है कि पिछले 9 महीने के कार्यकाल में 2400 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं जिसमें 140 सामूहिक दुष्कर्म के मामले हैं प्रदेश से महिलाओं और बच्चियों के गायब होने में मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को महिलाओं और बच्चियों की चीख चीत्कार ना सुनाई दे रही है और ना दिखाई दे रही है।
वक्तव्य के अंत में जिला कांग्रेस अध्यक्ष द्विवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के पास गृह मंत्रालय भी है दोहरी जिम्मेदारी के कारण किसी भी उत्तरदायित्व का निर्वहन स्वतंत्रता पूर्वक नहीं कर पा रहे हैं । आज मध्य प्रदेश में प्रत्येक 17 मिनट में एक बेटी के साथ अपराध हो रहा है ,हर घंटे एक महिला के साथ दुष्कर्म हो रहा है और हर 8 घंटे में एक छोटी बच्ची दुष्कर्म का शिकार हो रही है। मुख्यमंत्री जी के पास दिल्ली दरबार की हाजिरी और पार्टी के सदस्यता के बाद इतना भी समय नहीं बचता की गृह मंत्री के रूप में वह महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था दुरुस्त कर सकें इसलिए बेहतर होगा कि किसी भी वरिष्ठ विधायक को पूर्णकालिक गृह मंत्री का दायित्व देकर कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के बदहाल स्थिति को चुस्त दुरुस्त कर सकें।