बिहार में जहरीली शराब पीने से 4 दिन में हुई 36 मौतें
सीवान और सारण में 40 की हालत गंभीर, 7 लोगों की आंखों की रोशनी गई

बिहार(पटना-छपरा)।। बिहार के 16 गांवों में जहरीली शराब से अब तक एक महिला समेत 36 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार सुबह सीवान में 3 और सारण में 2 लोगों की मौत हुई। सीवान में 26 और सारण में 10 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि प्रशासन ने 24 मौत की पुष्टि की है। सीवान में 14 अक्टूबर से मौत का सिलसिला शुरू हुआ। सारण में जिनकी मौत हुई है। उन सभी ने 15 अक्टूबर को शराब पी थी।
बताया जा रहा है कि सीवान में 5 सारण में 2 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। सीवान सदर अस्पताल में 34 जबकि छपरा में 1 व्यक्ति भर्ती है। सारण से कुछ लोगों को पटना के पीएमसीएच भेज दिया गया है। सीएम नीतीश कुमार ने शराबकांड पर समीक्षा की है। डीजीपी को पूरे मामले की जांच की मॉनिटरिंग करने को कहा है। साथ ही मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वे घटनास्थल पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लेकर सभी पहलुओं पर जांच करें। पुलिस के अनुसार कई लोगों ने 13 अक्टूबर को सीवान के भगवानपुर हाट में बिक रही पाउच वाली शराब पी थी। वहीं एक सप्लायर ने शराब की होम डिलीवरी भी की थी। सीवान में 17 लोगों का पोस्टमॉर्टम हुआ है। यह भी पता चला है कि कुछ लोगों का अंतिम संस्कार परिजन ने बिना बताए कर दिया। बिहार पुलिस की शराब निषेध इकाई की SIT,ASP संजय झा की अगुआई में मामले की जांच के लिए मौके पर गई है।
मशरख थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिस अफसर सस्पेंड—
छपरा के मसरख थाना के इब्राहिमपुर गांव के चौकीदार महेश राय और ASI रामनाथ झा को सस्पेंड किया गया है। इन पर सूचना जुटाने में लापरवाही का आरोप है। मसरख थानाध्यक्ष धनंजय राय, SI छविनाथ यादव को शोकॉज नोटिस दिया गया है।
सारण में 8 लोग हिरासत में—
सारण पुलिस का कहना है कि जिले के मसरख थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हुई है और 2 अन्य का इलाज चल रहा है। इस मामले में केस दर्ज कर 8 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए SIT गठित की गई है।
14 अक्टूबर से शुरू हुआ जहरीली शराब का तांडव—
मौतों का सिलसिला सोमवार से शुरू हुआ था। तब सीवान के भगवानपुर हाट में दो की मौत हुई थी। इन्होंने पार्टी में शराब पी थी। दोनों का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था। फिर मंगलवार की शाम से जो मौतों का सिलसिला शुरू हुआ वह बुधवार देर रात तक जारी रहा। शाम तक सीवान सदर अस्पताल में एक महिला समेत 17 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका था। सारण में भी मंगलवार की रात से लोग बीमार पड़ने लगे। मसरख प्रखंड के इब्राहिमपुर गांव में तीन भाइयों ने मंगलवार की रात मछली पार्टी की थी। शराब भी पी गई थी। दो की मौत हो गई। इलाजरत लोगों ने पुलिस को बताया कि सीवान के भगवानपुर हॉट ब्लॉक के पास ही शराब बिक रही थी।
डीजीपी बोले- 24 की हुई है मौत—
बिहार के डीजीपी आलोक राज ने कहा कि शराब से अब तक 24 मौत की पुष्टि हुई है। जिसमें सीवान जिले में 20 और सारण जिले में 4 है। सारण का मशरख क्षेत्र और सीवान जिले का भगवानपुर इलाका इससे प्रभावित हुआ है। बिहार पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। सूचना मिलने के बाद ही एसपी और डीआईजी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई और कइयों को हिरासत में लिया गया। पटना से भी मद्द निषेध विभाग के पदाधिकारी जा रहे हैं। उन्हें निर्देश दिया गया है कि पूरी घटना की प्रोफाइलिंग करें। कहां से शराब की आपूर्ति हो रही है। कौन-कौन माफिया इसमें शामिल हैं। सभी के खिलाफ गंभीर और सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभी 9 से 10 लोग हैं। जिन्हें डिटेन करके पूछताछ की जा रही है। इस दौरान कुछ शराब माफियाओं का नाम सामने आया है।
लकड़ीनबीगंज के सप्लायर ने ही बेची मौत वाली शराब—
शराब कांड में 30 लोगों की मौत की वजह बनी शराब डमछो के मिथिलेश राय ने बनाई थी। उसी ने स्प्रिट से शराब बनाकर धंधेबाजों को बेचा। धंधेबाजों ने दशहरा से लेकर अब तक यह शराब कई गांवों में दर्जनों लोगों को बेची। शराब पीने के बाद मौत का सिलसिला शुरू हो गया। मिथिलेश शराब का पुराना तस्कर है।
मिथिलेश से शराब खरीदकर बेचने वाले सागरपोखर के प्रभुनाथ राम की मौत भी इसी जहरीली शराब को पीने से हो गई। मसरख के धर्मासती बाजार से भी शराब की खेप आई थी। वहीं मसरख से दो धंधेबाज रूदल और रजनीकांत समेत कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सीवान SP ने भगवानपुर हाट थाने के थानाध्यक्ष रामाशंकर साह को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं कौड़िया के दो चौकीदारों के सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है।महाराजगंज के उत्पाद थाना की थानाध्यक्ष पवित्रा कुमारी व एक SI भी जांच के घेरे में हैं।
आंख से दिखना कम हो गया—
छपरा के राजेन्द्र साह ने बताया कि भगवानपुर हाट से शराब खरीद कर लाई गई थी। देसी थी। मछली पार्टी थी। पीने के बाद मुझे आंख से कम दिखाई देने लगा। धीरे-धीरे दिखना पूरी तरह बंद हो गया। धर्मेन्द्र साह ने बताया कि मंगलवार की शाम छह बजे बाजार से खरीद कर शराब पी थी। पीने के बाद आंख से दिखना कम हो गया। घरवाले सदर अस्पताल लेकर आए। अब भी नहीं दिख रहा। 2022 में छपरा में 71 लोगों की जान गई थी। शराबबंदी के दौरान छपरा में सबसे बड़ा कांड 14 दिसंबर 2022 को हुआ था। जिसमें करीब 71 लोगों की जान चली गई थी। इसमें सबसे अधिक मशरख में 44 लोगों की मौत हुई थी। जबकि अमनौर और मढ़ौरा में भी मौतें हुई थी। शराब पीने से दर्जनों लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। 36 शवों का सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ था।
क्यों देसी शराब पीने से हो जाती है मौत—
देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है। यही बाद में मौत का कारण बनता है। मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है। इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है और बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है। जो कि जहर है।
इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
मेथेनॉल की कितनी मात्रा खतरनाक होती है 15 से 500 ML तक की मात्रा लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है।