नोएडा में बीटेक स्टूडेंट का एनकाउंटर फर्जी…12 पुलिसवालों पर FIR, वो VIDEO देखिए, जिसे पिता ने अदालत में पेश किया, बेटे को बचाया


ये वही CCTV है, जिसे पीड़ित के पिता ने कोर्ट में पेश किया था।

इसमें पुलिसकर्मी पीड़ित पिता-पुत्र को साथ ले जाते दिख रहे हैं।
मथुरा का रहने वाला परिवार दिल्ली में रहता था। बेटा मथुरा के कदंब विहार निवासी तरुण गौतम ने बताया- 4 सितंबर 2022 की शाम बिना नंबर प्लेट वाली दो गाड़ियां मेरे घर पहुंची। कार में पुलिसकर्मी थे। ये सभी लोग मेरे बेटे सोमेश के बारे में पूछते हुए घर के अंदर घुस आए। मैंने उन्हें बताया कि बेटा राजस्थान के कोटा से बीटेक कर रहा है। वो दिल्ली में तीन महीने के लिए कोचिंग करने गया है।
पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की। घर में घुसकर तोड़फोड़ की और अलमारी से 22 हजार रुपए लूट लिए। फिर मुझे जबरन कार में बिठाकर दिल्ली ले गए। देर रात मैं बेटे सोमेश के दिल्ली के शकरपुर स्थित कमरे पर पहुंचा। पुलिस वालों ने मेरे बेटे को बहुत पीटा और कार में डाल लिया। उस वक्त पुलिस वालों ने बताया था कि बेटे सोमेश का नाम जेवर कोतवाली क्षेत्र के नीमका गांव में हुए हत्या के एक मामले में सामने आया है। पुलिस वाले मुझे और मेरे बेटे को जेवर थाने लेकर आ गए। यहां मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा। मेरे बेटे को करंट भी लगाया। धमकी दी कि जैसे मैं बोलता हूं, वैसे ही करो। वरना तुम बाप-बेटे को जान से मार देंगे।
आंख में पट्टी बांधी, पैर में मारी गोली—
तरुण गौतम ने बताया 6 सितंबर 2022 की रात सोमेश के दोनों हाथ पीछे बांध दिए। उसकी आंख में पट्टी बांधकर पुलिस वाले उसे अज्ञात स्थान पर लेकर गए। जहां मुठभेड़ दिखाते हुए उसके पैर में गोली मार दी। उसकी गिरफ्तारी दिखा दी। मेरे बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की बरामदगी दिखाई। पुलिसवालों ने बाद में मुझे धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया। तो जान से मार देंगे।
बेटे को छोड़ने के लिए मांगे 1 लाख रुपए—
तरुण गौतम ने बताया पुलिस वालों ने उस पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। बेटे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मुझे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की। मेरे परिजनों ने रुपए का इंतजाम कर मुझे छुड़ाया। आरोप लगाया कि मैं लगातार कार्रवाई को लेकर थाने के चक्कर काटता रहा। मगर किसी ने मेरी नहीं सुनी। इसके बाद मैं कोर्ट की शरण में पहुंचा।
पिता ने ऐसे बेटे सोमेश को बेगुनाह साबित किया—
कमरे से उठाते हुए सीसीटीवी में कैद हुई पुलिस तरुण गौतम ने बताया पुलिस ने जब मुझे छोड़ा तो मैं बेटे को बचाने में जुट गया। मैं जानता था कि वह बेगुनाह है। मैं दिल्ली गया। जहां मेरा बेटा किराए के कमरे में रहता था। वहां लगे आसपास के सीसीटीवी फुटेज मैंने जुटाए। फिर मैंने कोर्ट में दिल्ली से पुलिस के पकड़कर लेने जाने की सीसीटीवी फुटेज जमा कराई। जो अहम सबूत साबत हुआ। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि विपक्षी लोकसेवक हैं। इसके कारण पहले पुलिस कमिश्नर से आदेश लेना जरूरी है। कमिश्नर से अनुमति लेने के बाद मंगलवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया।