सिंगरौली

गोंदवाली में छह लाइनों को चालू करने के लिए युद्धस्तर पर चल रहा काम

प्रगति :- एक नया यार्ड शुरू होगा, चलायी जा सकती है मेमू, कंटेनर डिपो भी शुरू होगा, इससे क्षेत्र में बढ़ेंगी व्यावसायिक गतिविधियां,जिले में नये आयाम जोड़ेगा कंटेनर डिपो

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। पमरे जबलपुर के आखिरी स्टेशन के रूप में गोंदवाली रेलवे स्टेशन में अभी तक किसी गाड़ी का स्टापेज नही हैं लेकिन इस रेलवे स्टेशन का निर्माण दीर्घकालिक उपयोग के लिए किया गया है। मौजूदा समय में इस रेलवे स्टेशन में चार नयी रेल लाइनों को शुरू करके कुल छह लाइनों से कार्य किया जायेगा। आने वाले दिनों मैं गोंदवाली रेलवे स्टेशन से एक कोयला यार्ड शुरू किया जायेगा और कटनी बरगवां मेमू ट्रेन चलाए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही ललितपुर- सिंगरौली न्यू रेल लाइन को भी इसी स्टेशन में लाकर जोडता है। धीरे-धीरे ही सही लेकिन गोंदवाली को रेलवे व्यावसायिक व आपरेशनल दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने की तैयारी कर चुका है। ताकि जिले की खनिज संपदा खासतौर पर कोयले का डिस्पैच कर रेलवे भारी राजस्व अर्जित करने की तैयारी में है। तीन तरह के उपयोग का रास्ता साफ होने के साथ ही साथ ऑयल डिपो व अन्य गोदाम भी यहां पर बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान में उल्लेख किया गया है। खासतौर पर बड़े और कॉमर्शियल रेलवे स्टेशन की संभावनाओं को देखते हुए कई बड़ी कंपनियों ने भी रेलवे स्टेशन के आसपास सैकड़ों एकड़ भूमि खरीद रखी है और अलग तरह के व्यवसाय जमाने के लिए जमीन तैयार की जा रही है।

बनेगा अंतर्देशीय कंटेनर डिपो—
जिले में कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए गोंदवाली से डगा को जोड़ने की जानकारी है। यह अंतर्देशीय कंटेनर डिपो एक ड्राई पोर्ट की तरह होता है जहां बंदरगाह से दूर भरे अथवा खाली कंटेनर्स को जमा किया जाता है। यहां से भरे हुए कंटेनर्स को भी एक से दूसरे स्थान को ले जाया जाता है। ऐसा कहा जा सकता है अंर्तराष्ट्रीय व्यापार या ई-कॉमर्स निर्यात और अनुपालन के सरलीकरण के साथ निर्यातक बिना किसी परेशानी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद की बिक्री कर सकते हैं। यानि कि गोंदवाली से देश के किसी भी बंदरगाह तक के लिए सीधे माल भेजने और वहां से लाने की सुविधा जिले में उपलब्ध हो जायेगी। बुधवार को रीवा में आयोजित की गई 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में जिले में एक अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा की गई है। जो जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। जानकारों ने बताया कि एमपीआईडीसी की पूर्व से डगा में औद्योगिक भूमि रिजर्व है। जिस पर कई बार बलियरी की विस्फोटक बनाने वाली कंपनियों को स्थानांतरित किया जाना था लेकिन किन्हीं कारणों से फैक्ट्रियां स्थानांतरित नहीं हो पायी है। इसी भूमि पर आईसीडी बनाए जाने के लिए यह भूमि रेलवे को दे दी गई है।

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