
ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। रीवा में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक तरफ जहां आधा दर्जन दरिदों ने बंधक बने पति के सामने एक-एक कर उसकी आबरू लूट कर मर्यादा को तार-तार किया। वहीं दूसरी और पुलिस ने प्रदेश के मुखिया से अपनी नाकामी छिपाने के लिए मानवता को तार-तार कर दिया। पीड़ितों की चीख को ही दबा दिया। हद तब हो गई लोगों को घटना की भनक न लगे इसके लिए पीड़ित पक्ष को कहां रखा गया। सीएम डॉ मोहन यादव के रीवा दौरे तक पता हीं नहीं चल पाया है। प्रदेश सरकार जहां बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देती है। वही नारी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। तो जिम्मेदारों का यह शर्मनाक कृत्य सरकार की छवि पर कालिख पोतने जैसा है। घटना सोमवार 21 अक्टूबर 2024 को गुढ़ थाना क्षेत्र के भैरव बाबा की है। पति-पत्नी दोनों भैरव बाबा क्षेत्र में घूमने गए थे। घटना के संबंध में विश्वस्त सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक गुढ़ क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले युवा पति-पत्नी भैरव बाबा के दर्शन के लिए गए थे। जहां पास ही प्रकृति का नजारा देखने के लिए मंदिर के पास ही नाले के पास बैठे आपस में बातचीत कर रहे थे। वहीं पर नाले से कुछ दूरी पर भैरव बाबा क्षेत्र के करीब के गांव के आधा दर्जन युवक शराब पार्टी कर रहे थे। पति-पत्नी को बैठा देख आरोपियों की नजर उन पर पड़ गई। बताया जाता है। सभी आरोपी युवक वहां आए और पति को एक पेड़ से बांधकर उसके सामने ही सभी दरिंदों ने बारी बारी से पत्नी के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं। पति- पत्नि मर्यादा की रक्षा के लिए आरजू मिन्नत करते और चीखते चिल्लाते रहे लेकिन दरिदों ने एक न सुनी और हैवानियत की सारी हद पार कर दी। इतना ही नहीं आरोपियों ने घिनौनी हरकत का वीडियो भी बनाया और वायरल करने की धमकी देकर चुप रहने की धमकी भी दी। इसके बाद पति-पत्नी को छोड़ दिया।
सीएम का रीवा दौरा होने के कारण पुलिस अपनी नाकामी छुपाने दवाएं रखा मामला—
पीड़ितों ने घटना की शिकायत की थी लेकिन रीवा में 23 को आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री के रीवा आगमन पर घटना में पर्दा डालने के लिए पुलिस द्वारा मामले को पूरी तरह से दबा दिया गया। हालांकि पुलिस द्वारा 22 अक्टूबर को थाने में शिकायत की बात स्वीकारी जा रही है लेकिन देश एवं प्रदेश को झकझोर देने वाले मामलों पर भी पुलिस प्रशासन क्यों मौन रहा? यह चिंतनीय है कि आखिर अपनी नाकामी छुपाने के लिए पीड़ितों की ही आवाज को दवा दिया गया या रीवा कप्तान साहब को डर था कि कही कुर्सी सीएम द्वारा रीवा से खिसका न दिया जाए। वजह चाहे जो भी हो लेकिन कप्तान साहब कुर्सी बचाने के चक्कर में अपनी ही भद्द करवा बैठे। आखिरकार मामला जैसे ही मीडिया के सामने आया। एक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई पेस करने लगे और अंततः शाम तक 7 लोगो को गिरफ्तार करने की बात मीडिया को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताई।
मुख्यमंत्री से छिपाने चार दिन तक पीड़ितों की चीख दबाए रखी—
रीवा पुलिस की नाकामी मोहन सरकार पर गंभीर तमाचा है। कोई भी व्यक्ति अपने पत्नी, बेटी या सगे रिश्तेदारों के साथ ऐसा घिनौना दृश्य नहीं देख सकता। पति-पत्नी दोनों ने दरिंदों से मर्यादा बचाने के लिए दुहाई दिया होगा। हाथ-पांव जोड़ा होगा। चीखा-चिल्लाया होगा। फिर भी दरिंदों का दिल नहीं पसीजा और हैवानियत की सारी हद पार कर दी।
मीडिया में मामला सामने आने के बाद हरकत में आया पुलिस प्रशासन—
सामूहिक दुष्कर्म का मामला मीडिया में सामने आने के बाद पुलिस द्वारा मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस अब तक दो दर्जन संदेहियों को उठा चुकी है। जिनसे घटना के संबंध में जानकारी ली जा रही है। पुलिस यह भी कह रही है कि पकड़े गए दो संदेहियों में अहम जानकारी हाथ लगी है। जब बात मीडिया तक पहुंची तो पुलिस ने हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है और अंततः समाचार लिखे जाने तक सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं और अन्य की तलाश जारी है।
दो साल पूर्व भी घटी थी ऐसी ही घटना—
रीवा में इस तरह की यह दूसरी घटना है। जिसमें पति को बंधक बनाकर उसके सामने ही पत्नी के साथ दुष्कर्म किया गया था। करीब दो साल पूर्व सितंबर 2022 में नईगढ़ी के देवलहा प्रपात में पति को बंधक बनाकर उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। हालांकि प्रशासन ने तत्समय आरोपियों के घर को जमींदोज कर दिया था।
वीडियो वायरल की दी धमकी—
सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर चुप रहने को कहा। पहले पति-पत्नी के एक दूसरे के करीब बैठे होने का वीडियो बनाकर वायरल करने के बहाने दबाव में लेकर पति को बंधक बना लिया। इसके बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
भैरव बाबा को क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री ने पर्यटक स्थल घोषित करने की थी बात—
भैरव बाबा कष्टहर नाथ को क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री ने पर्यटक स्थल बनाए जाने की बात कही थी। मगर जिस देवस्थान को पर्यटक स्थल बनाए जाने की बात की गई हो वहीं गैंगरेप, दरिंदगी जैसे मामले सामने आने के बाद लोगों का पुलिस और शासन-प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है और सवाल यह है की आखिर देवस्थान जैसे जगह पर लोग इस घिनौने कृत्य जैसे मामले सरकार और प्रशासन दोनों पर सवाल खड़े करता है और तो और स्थानीय सूत्रों की माने तो यहां पर यह पहला मामला नहीं है। आए दिन यहां लोगो के साथ रेप जैसी घटनाएं होती रहती हैं। लोग अपनी इज्जत के डर से पुलिस को नहीं बताते हैं कि बदनामी न हो जाए।
पीड़िता ने बताया पीड़िता को दी जान से मारने की धमकी—
एसपी, कलेक्टर जहां शिकायत करना हो कर दो। हम रौबदार के बेटे हैं। पीड़िता ने बताया कि उक्त आरोपियों ने जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि जहां पर शिकायत करना हो तो कर लेना हमारा कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। हम फलाने रौबदार के लड़के हैं। हमको तुम अभी जानते नहीं हो। चाहे एसपी के पास जाओ चाहे कलेक्टर के पास जाओ। साथ ही कहा कि चुप नहीं रहोगी तो जान से मार देगे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन्हें इतना हौसला मिलता कहा से है कि सीधे तौर पर रौब दिखाकर कानून अपने हाथ में लेते हैं। क्या इन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वाला कोई है? अगर नहीं तो इन्हें इतना हौसला मिलता कहा से है कि पिता का रौब दिखाकर कानून को अपने जेब में रखने की बात कर कुकृत्य की ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अब अगर पिताजी रौबदार है तो बेटा तो इसका फायदा उठाने में कोई कसर तो छोड़ेगा नहीं। हो सकता है कि इसके पहले कुछ छोटे मोटे मामलों में बचाया भी होगा। जिससे इनके इरादे और बढ़ गए और आज देश को झकझोर देने वाली घटनाओं को अंजाम देते हैं।
सात आरोपी गिरफ्तार अन्य की तलाश जारी : पुलिस अधीक्षक रीवा—
रीवा जिले के गुढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत भैरव बाबा क्षेत्र में दंपत्ति के साथ मारपीट कर गैंगरेप की घटना को 8 आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक आरोपी की तलाश में पुलिस टीम भेजी गई है। पुलिस ने आरोपियों पर दुष्कर्म सहित अन्य मामलों के तहत मामला दर्ज किया है। सोमवार को युवा दंपत्ति पिकनिक मनाने गुढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत भैरव बाबा पहाड़ क्षेत्र में गए हुए थे। वे मंदिर के थोड़ा आगे पहाड़ी में नाले के पास बैठे थे। इस दौरान कुछ दूरी पर पार्टी कर रहे आधा दर्जन दरिंदे नशे की हालत में वहां पहुंच गए। उन्होंने युवक को धमकाया और उसके साथ मारपीट करते हुए उसे दूसरी जगह ले गए। इस दौरान आरोपियों ने उसकी पत्नी के साथ दरिंदगी की। गैंगरेप की घटना को 8 आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक आरोपी की तलाश में पुलिस टीम भेजी गई है। जिसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में गैंगरेप सहित 340/24 धारा 296, 127 दो, 115, 351 तीन, 70 ए 79 तीन पांच बीएन एस की धाराएं दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में गुढ़ निवासी रामकिशन कोरी, गुढ़ निवासी दीपक कोरी, गुढ़ निवासी रावेश कुमार गुप्ता, रामपुर बघेलान निवासी सुशील कोरी, गुढ़ निवासी राजेंद्र कोरी, नईगढ़ी निवासी तरुण कोरी सहित नईगढ़ी निवासी लवकुश कोरी को गिरफ्तार किया है जबकि इस घटना में शामिल गुढ़ निवासी रजनीश कोरी की तलाश में टीम भेजी गई है। जिसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नैतिकता के आधार पर सीएम दे स्तीफा : आप—
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री जितेन्द्र चौरसिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी रीवा मे 19/10/2024 को ही रीवा जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए जिले के कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। फिर भी शासन प्रशासन की नीद नहीं टूटी! मध्य प्रदेश में जघन्य से जघन्यतम अपराध आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। डेली बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं हो रही हैं। कानून का कोई असर है भी कि नहीं ? शेम शेम !! भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जिस प्रकार से मध्यप्रदेश में अपराध बढ़े हैं। प्रतिदिन महिलाओं और छोटी नाबालिग बच्चियों तक को शिकार बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव को बिना देरी किए अपनी नाकामी मानकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए! साथ ही उन्होंने कहा कि जब पीड़िता के साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया गया। उसके बाद सीएम रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव मीट में शामिल हुए। इससे शर्म की बात क्या होगी कि पुलिस द्वारा मामले को तीन दिनों तक दबाए रखा। लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है।
मुख्यमंत्री को जंगलराज विभाग बना देना चाहिए: जीतू पटवारी—
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में महिला से सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता लगातार सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। घटना को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार की जमकर आलोचना की है। उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव को गृह विभाग की जगह जंगलराज विभाग घोषित करने की सलाह दी है। पटवारी ने कहा कि एमपी में अपराध सबसे ज्यादा, नशा, चोरी-डकैती, फॉड, बेटियों से बलात्कार सबसे ज्यादा, उनका अपहरण सबसे ज्यादा हो रहा है। अगर यह सब खराब हो गए तो गृह विभाग गिर गया है। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में 18- 20 बेटियों के साथ प्रतिदिन बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। रीवा में इन्वेस्टर मीट थी। दूसरी ओर महिला के पति को पेड़ से बांधकर उसके सामने पत्नी से बलात्कार किया गया। यह जंगलराज नहीं तो क्या है? गृह विभाग बचा ही नहीं है। अब इसे जंगलराज विभाग बना देना चाहिए।।