
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। हिंडाल्को महान के CSR विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट जीवनोत्कर्ष के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पोखरा गांव में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सहजन (मोरिंगा) की खेती के माध्यम से आय अर्जित करने के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था बल्कि उन्हें मोरिंगा के स्वास्थ्य और व्यावसायिक लाभों से भी अवगत कराना था। कार्यक्रम के दौरान CSR विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय ने महिलाओं को सहजन के पौधे के आयुर्वेदिक और पोषण संबंधी गुणों के बारे में बताया। सहजन जिसे मिरेकल ट्री के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें प्रोटीन, विटामिन, और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे यह स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसके पत्ते, बीज, फूल, और फल सभी का उपयोग औषधि और खाद्य उत्पादों में किया जाता है। महिलाओं को यह भी समझाया गया कि कैसे मोरिंगा की खेती कम लागत में शुरू की जा सकती है और इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार में सहजन की पत्तियों जिससे मोरिंगा पाउडर बनाकर अच्छी कमाई की जा सकती है। साथ ही बीजों की काफी मांग है। जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य उत्पादों और पोषण पूरक के रूप में किया जाता है। साथ ही इसकी खेती पर्यावरण के अनुकूल होती है और इसे कम पानी में भी उगाया जा सकता है। जो इसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है।
मोरिंगा उगाने की प्रक्रिया पर प्रशिक्षण—
प्रशिक्षण सत्र के दौरान महिलाओं को मोरिंगा उगाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्हें यह सिखाया गया कि कैसे सही समय पर बीज बोना चाहिए। पौधे को किस तरह की देखभाल की जरूरत होती है और फसल काटने के बाद उसकी सही मार्केटिंग कैसे की जा सकती है। यह पहल महिलाओं के लिए एक स्थायी आय का स्रोत बनने की क्षमता रखती है।
ग्रो बैग और बीज वितरित—
कार्यक्रम के समापन पर महिलाओं को मोरिंगा की खेती शुरू करने के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। इस बीज से 1000 से ज्यादा पौधे उगाये जायेंगे।प्रत्येक महिला को बीज और ग्रो बैग दिए गए ताकि वे अपने घरों के आसपास आसानी से सहजन की खेती कर सकें। यह पहल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिससे वे न केवल अपने परिवार के लिए पोषण युक्त आहार प्राप्त कर सकेंगी बल्कि अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगी।
स्वावलंबन की ओर कदम—
हिंडाल्को महान के CSR विभाग की यह पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रोजेक्ट जीवन उत्कर्ष के तहत महिलाओं को विभिन्न स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सहजन की खेती इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। जिससे गांव की महिलाएं स्वावलंबन की ओर तेजी से बढ़ रही हैं।यह कार्यक्रम न सिर्फ महिलाओं को नई तकनीकों से अवगत करा रहा है बल्कि उन्हें एक ऐसा मंच भी प्रदान कर रहा है। जहां वे अपने कौशल का विकास कर सकती हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकती हैं। सहजन की खेती से जुड़ी इस पहल के माध्यम से महिलाओं का भविष्य उज्ज्वल और सशक्त होगा।।