
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सरई थाना क्षेत्र के लामीदह गांव में जिस सरकारी जमीन पर वर्षों से आदिवासी, बैगा, गोंड़ समाज के लोग निवासरत हैं। उसी जमीन पर विस्थापितों के लिए एक कंपनी के प्रबंधन द्वारा कॉलोनी बनाई जा रही है। पुश्तैनी रुप से निवास करने वाले आदिवासी बैगा समाज के लोग विस्थापित कॉलोनी बनाने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर वे मकान बनाकर रह रहे हैं। उस जमीन को जानबूझकर विस्थापित कॉलोनी बनाने के लिए चुना गया है। तीन दिन पहले कंपनी प्रबंधन के लोग जब कॉलोनी निर्माण के लिए पहुंचे तो ग्रामीणों ने जमकर उनका विरोध किया। ग्रामीणों के विरोध के आगे कंपनी प्रबंधन बैरंग वापस लौट गया। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ भी अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। आदिवासी बैगा समाज के लोगों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन से मिलकर क्षेत्रीय विधायक भी उनके हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं। विस्थापितों का कहना है कि विस्थापितों के लिए जो कॉलोनी बनाई जा रही है। उसको बनाने का टेंडर विधायक के खासमखास को मिला है। यही वजह है कि विधायक पीड़ित लोगों का साथ न देकर कंपनी प्रबंधन का साथ दे रहे हैं।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी—
तीन दिन पहले किए गए विरोध प्रदर्शन की जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंची सरई थाना पुलिस व तिनगुड़ी चौकी पुलिस ने मामले को शांत करा दिया। कॉलोनी निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासी बैगा समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि पुश्तैनी रुप से रह रहे लोगों को हटाया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर कॉलोनी का निर्माण कराया जाना है। वहां पर दो-तीन दर्जन आदिवासी, बैगा, गोंड़ समाज के लोग पुस्तैनी रुप से निवासरत हैं।