
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। देवसर तहसील के झखरावल गाँव में आम निस्तार एवं मवेशियों के चारा के लिए उपयोग की जा रही शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने वालों पर प्रशासन का चाबुक चला है। सेमरा नदी के आसपास स्थित करीब 500 एकड़ शासकीय भूमि मंगलवार को अतिक्रमण कारियों से मुक्त करा ली गयी है। मंगलवार को तहसीलदार एवं थाना प्रभारी जियावन के मौजूदगी में शासकीय भूमि पर बने मकान, दुकान एवं फसल को नष्ट कर दिया गया। कार्यवाई के दौरान पूरे समय तक तहसीदार एवं थाना प्रभारी मौके पर मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने बहुत ही अच्छे व्यवस्था के साथ शांति पूर्ण तरीके से कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस अमला मौजूद रहा। दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुई कार्यवाही बिना किसी व्यवधान के शाम करीब पांच बजे तक चली। जेसीबी एवं टैक्टर के मदद से दुकानों एवं फसल को नष्ट किया गया। उल्लेखनीय है कि झखरावल एवं गौरवा के बीच से गुजरने वाली सेमरा नदी के दोनों किनारों पर हजारों एकड़ शासकीय भूमि है। जिस पर अतिक्रमण कारियों ने जबरन कब्जा कर लिया था। शासकीय भूमि पर कई स्थान पर मकान एवं दुकाने बना ली गयी थी। वहां पर अतिक्रमणकारी खेती करने लगे थे। धीरे-धीरे उनका हौसला बढ़ता गया और वे शासकीय भूमि पर खेती करने के साथ ही उसे कटीले तारों से बंद कर अपने कब्जे में कर लिया। यहीं नहीं वहां आम लोगों को चलना मुश्किल हो गया। अतिक्रमणकारी गिरोह बनाकर आम लोगों में धमकाते एवं मारपीट करने की धमकी देने लगे। अतिक्रमण कारियों से मनमानी से परेशान गौरवा एवं झखरावल के आम लोगों ने इस शासकीय जमीन को मुक्त करने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई। कई बार तहसील एवं एसडीएम कार्यालय देवसर में आवेदन दिया गया। सीएम हेल्पलाइन में भी सैकड़ों लोगों ने शिकायत किया। तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और कार्यवाही की तैयारी बनाई गई। कार्यवाही के दौरान तहसीलदार, थाना प्रभारी, पटवारी, सचिव सहित बड़ी संख्या में आम लोग भी मौजूद रहे।
कई बार जारी की गई थी नोटिस—
बताया जाता है कि तहसील कार्यालय देवसर से अतिक्रमण कारियों को कई बार नोटिस जारी की गयी और उन्हें शासकीय भूमि को खाली करने के निर्देश दिये गये थे। इसके बाद भी अतिक्रमण कारियों ने जबरन कब्जा किये रहा। यहां तक की शिकायत काताओं को धमकी भी मिलती रही लेकिन शासकीय भूमि को खाली नहीं किया। जिसके बाद प्रशासन की ओर से कुछ दिनों पहले एक बार फिर नोटिस जारी कर भूमि को खाली करने के निर्देश दिये गये लेकिन इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों ने जब भूमि को खाली नहीं किया तो मजबूरन प्रशासन को जेसीबी की मदद से कार्यवाही करने पड़ी।
कटेल लगा रखा है बोनी की तैयारी—
प्रशासन के बार-बार निर्देश के बाद भी अतिक्रमण कारियों का सरगना कठेल अपनी मनमानी करता रहा। उसने शासकीय भूमि में जोताई कराकर उसमें गेंहू की बुआई के पानी से सिंचाई कर दिया। यही कई लोगों ने शासकीय भूमि को खाली कर दिया लेकिन कठेल जबरन शासकीय भूमि पर सरसौ की बुआई करा दिया। अतिक्रमण के दौरान भी कठेल कार्यवाही में बाधा बनता रहा। उसने जेसीबी मालिक से गुपचुप सांठ गांठ कर यह बहाना बनवा दिया की जेसीबी का डीजल खत्म हो गया है हालांकि प्रशासन के कड़े निर्देश के बाद उसके अतिक्रमण को जेसीबी से खाली करा लिया गया।
चौकीदार की मनमानी—
बताया जाता है कि तहसील में चौकीदार पदस्थ ने भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था और प्रशासन के सामने तानाशाही दिखा रहा था। कई बार नोटिस के बाद भी उसने शासकीय भूमि को खाली नहीं किया और उस पर झोपड़ी बना लिया। चारों ओर से कटीले तार लगाकर अपने कब्जे में कर लिया। चौकीदार ने खुद तो अतिक्रमण किया ही अन्य लोगों को भी अतिक्रमण करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा। मंगलवार को प्रशासन ने उसकी झोपड़ी को गिरा दिया। शासकीय जमीन को मुक्त करा दिया।