आये दिन हो रहे सड़क हादसे, कोल वाहनों के कारण सर्वाधिक खतरा
हादसों का सबब बने बरगवां, परसौना, रजमिलान मार्ग को बनाया जाये फोरलेन

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। परसौना, बरगवां, रजमिलान एवं गढ़ाखाड़ मार्ग के चौड़ीकरण के साथ फोरलेन का निर्माण कराये जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। क्योंकि इस मार्ग पर ट्रैफिक का लोड काफी अधिक बढ़ गया है और पहले की तरह टू-लेन ही है। ऐसे में ओवरलोड ट्रैफिक के साथ इस सड़क पर दिन रात दौड़ते कोल वाहन से खतरा इनता अधिक बढ़ गया है कि इसके कारण आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इन हादसों की चपेट में आकर लोगों के अंग-भंग व मृत भी हो जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इन सड़कों पर कई खतरनाक हादसे हो चुके हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन क्षेत्रों की सड़कों पर खतरा किस तरह तांडव कर रहा है। लोगों का कहना है कि एक तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सड़क पर कोल वाहनों को दिन-रात दौड़ाया जा रहा है। जिसकी वजह से पूरी सड़क इन वाहनों की चपेट में आ जाती है। कायदे से कोल वाहनों के पब्लिक रोड से हटकर अलग रूट होना चाहिए। लेकिन ऐसा कोई इंतजाम करना तो दूर प्रशासन पब्लिक रोड तक का चौड़ीकरण नहीं करा रहा है। जिससे कि सुरक्षित चलने के लायक सड़क पर कुछ जगह तो मिल सके वर्ना ऐसे ही लोग कुचले जाते रहेंगे।
रेडियम पट्टी व संकेतकों तक का इंतजाम नहीं—
लोगों की नाराजगी इसे लेकर भी है कि उक्त मार्गों पर जिस प्रकार से कोल वाहनों का खतरा मंडरा रहा है। उसके मद्देनजर कम से कम सड़कों पर व उनके किनारे तरफ आवश्यक जगहों पर रेडियम की पट्टी व अन्य आवश्यक संकेतक नहीं लगवाये गये हैं। जिससे रात के समय कोल वाहनों से बचने के लिए राहगीर सड़क के किनारे कहां तक जा सकते हैं। इसका भी कोई अंदाजा नहीं मिलता और हादसे हो जाते हैं।
डीएमएफ-सीएसआर फंड का क्यों नहीं ले रहे सहारा—
सड़कों पर व्याप्त असुरक्षा को लेकर लोगों का ये भी कहना है कि जिले में डीएमएफ से लेकर सीएसआर जैसे फंडों का भंडार है। जिससे प्रशासन को अगर प्रदेश से फंड की समस्या हो तो इन फंडो के सहारे भी वह सड़कों के चौड़ीकरण से लेकर अन्य आवश्यक इंतजाम सुरक्षा व्यवस्था के लिए करा सकता है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दिशा में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं और आये दिन सड़क हादसों में लोग मौत के घाट उतर रहे हैं।