नवंबर में 2 दर्जन से ज्यादा बच्चों की मृत्यु ने स्वास्थ्य विभाग को हिलाया
भोपाल से पत्र भेजकर जताई गई नाराजगी, ज्यादा शिशु मृत्यु दर को लेकर सिविल सर्जन ने आज बुलाई चिकित्सकों व नर्सों की बैठक

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। नवंबर माह में जिला अस्पताल के एसएनसीयू भर्ती समय पूर्व जन्मे नवजातों के साथ ही लेबर वार्ड और एचडीयू आदि में पैदा हुए बच्चों की ज्यादा मृत्यु दर ने स्वास्थ्य विभाग को हिला दिया है। गत नवंबर में समय से पूर्व जन्मे या कुपोषण के कारण 29 बच्चों की मृत्यु की बात कही जा रही है। इसकी जानकारी रिपोर्ट के माध्यम से होने पर स्वास्थ्य संचालनालय से सिविल सर्जन को पत्र भेजकर इस संबंध में जवाब-तलब किया गया है। बताया जा रहा है कि अधिकांश मृत्यु समय पूर्व यानी छह, सात या आठ माह में हुए स्पेशल न्यू बॉर्न से संबंधित है। जिसे लेकर हडकंप मचना इसलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग से लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के स्तर पर गर्भवतियों, धात्रियों व बच्चों को सुपोषित करने के कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। आशा कार्यकर्ता गर्भवती की एएनएस पीएनसी जांच कराने के साथ समय-समय पर टीके लगवाती हैं। उधर, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण किट का वितरण भी किया जाता है। इसके बाद भी समय पूर्व होने वाले प्रसव के कारण नवजातों की मृत्यु होती है।
समीक्षा बैठक में तलाशेंगे मृत्यु के कारण—
नवंबर माह में हुई शिशु मृत्यु दर को अत्यधिक मानते हुए सिविल सर्जन को पत्र भेजा गया है। जिसे गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह ने गुरुवार को को अपने कार्यालय में समीक्षा बैठक बुलाई है। जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञों के साथ बाल रोग चिकित्सकों, एसएनसीयू के डॉक्टरों, स्त्री रोग विशेषज्ञों, मेडिकल कॉलेज स्त्री रोग विभाग के सहायक प्राध्यापकों, एनेस्थिटिक, सहायक अस्पताल प्रबंधक, मेट्रन, एसएनसीयू की इंचार्ज सिस्टर, ओटी प्रभारी, एमएच कोआर्डिनेटर के साथ एएनसी पीएनसी इंचार्ज, लेबर रूम प्रभारी, एचडीयू इंचार्ज और स्टोर कीपर को निर्धारित समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।