सिंगरौली जिले के लोक अदालत में ननि व बिजली विभाग के काउंटर पर उमड़ी भीड़

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। नेशनल लोक अदालत का शनिवार को वैढ़न के जिला न्यायालय में आयोजन किया गया। जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरएन चंद की मौजूदगी में अन्य न्यायाधीशों ने सुबह 11 बजे न्यायालय परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करके नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इसके बाद सामुदायिक भवन सहित पार्किंग स्थल पर लगाए गए स्टॉलों पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई। जिसमें सबसे अधिक भीड़ बिजली कंपनी व नगर निगम के काउंटर पर रही जबकि बैंक वालों की स्टॉल इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचे।
85 हजार का बिल देकर बनाया चोरी का केस—
वैढ़न के वार्ड 21 के घुरीताल में रहने वाली रिटायर्ड नर्स मोडेस्टा टोप्पो अपने हाथ में लोक अदालत का नोटिस व बिजली का बिल लेकर आई थीं। उनका कहना है कि हमारे घर के ऊपरी हिस्से में जब किराएदार नहीं थे। तब एक तार खंबे पर लगा हुआ था। जिसका उपयोग नहीं कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हमारे घर व किराएदार का अलग-अलग मीटर है। जिसका हम हर महीने बिल भुगतान कर रहे हैं। एक बार हमने चंदा देने से मना कर दिया तो हमारे विरोधियों ने बिजली वालों को भेजकर हमारे यहां बिजली चोरी का केस बनवा दिया। अब हमें 85 हजार का बिल देकर घर की लाइट काट दी है।
बिजली कंपनी तोड़ रही संयुक्त परिवार—
रिलायंस कंपनी के पास सासन टूसा गांव में रहने वाले धृतराष्ट्र दुबे भी अपने भाई के साथ लोक अदालत का नोटिस लेकर आए थे। उनका कहना है कि हम तीन भाई हैं जो एक ही घर में रहते हैं। हमारा ग्रामीण क्षेत्र का कनेक्शन है। इसलिए हर महीने दो-ढाई सौ रुपए का बिजली बिल आता है। जिसे हम हर माह जमा भी कर रहे थे। एक दिन बिजली कंपनी वाले आए और हमसे कहा कि तीनों भाई अलग-अलग मीटर लगवाओ तथा हमें 9 हजार रुपए का बिजली बनाकर दे गए। यह भाई इसी बात से परेशान है कि बिजली कंपनी हम भाईयों का संयुक्त परिवार क्यों तोडना चाहती है।
नेशनल लोक अदालत में 1200 मामले निराकृत, 3.46 करोड़ के अवार्ड पारित—
सिंगरौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में शनिवार को 1200 मामलों का निराकरण किया जाकर 3.46 करोड़ के अवार्ड पारित हुए। इसमें 1920 लोगों को लाभ हुआ। इसमें प्री-लिंटीगेशन के 4750 केस आए। जिनमें से 857 मामलों का निराकरण करके 10938540 रुपए के अवार्ड पारित हुए तथा 1135 लोग लाभान्वित हुए। वहीं लोक अदालत में 5594 केसों में से 343 मामलों का निराकरण किया गया। इसमें 23697295 रुपए के अवार्ड पारित हुए तथा इसमें 785 लोग लाभान्वित हुए।।