तीन वर्ष से अधिक कार्यकाल के बाद अधिकारियों की पुनः जिले में पदस्थापना पर लगाई जाय रोकः भास्कर मिश्रा

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली में जिस तरह की व्यवस्था बनागई गई है वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है जिसे तरह से जिले में तीन साल से अधिक अपना कार्यकाल पूरा कर चुके निरीक्षकों को दूबारा यहीं भेजना या खुद ही अपनी पदस्थापना यहां करवा लेना यह लोगों के गले नहीं उतर रहा है। कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा ने बताया कि यह कि पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा है कि हमारे सिंगरौली जिले में कई पुलिस अधिकारियों विशेषकर निरीक्षकों की पदस्थापना बार-बार सिंगरौली जिले में ही हो रही है और केवल उन्हें निर्वाचन आयोग के द्वारा ही निर्वाचन के समय हटाया जाता है और फिर पुनः वे दो चार माह में वापस लौटकर सिंगरौली आ जाते है और अगले निर्वाचन तक जमे रहते है। यह कि यदि बारीकी से जांच की जाये तो कई निरीक्षक लगातार कई वर्षो से एक ही जिले में पदस्थ किये जाते रहे है यहां तक जब भी निर्वाचन आयोग द्वारा इन्हें हटाया जाता है तो स्थानीय पुलिस प्रशासन इनसे सरकारी आवास तक खाली नहीं कराती और यह निरीक्षक दो चार माह अन्यंत्र रहने के बाद पुनः सिंगरौली वापस आने में कामयाब हो जाते है जिससे इनमें जबरदस्त तानाशाही और भष्ट आचरण पैदा हो गया है और सिंगरौली की जनता इनसे बेहद त्रस्त है और हर हाल में मुक्ति पाना चाहती है।
कई वर्षों से जमा निरीक्षकों का हो स्थानांतरण—
यह की कुछ पुलिस उपनिरीक्षक जो कि लगभग पांच से दस वर्षो से हमारे सिंगरौली जिले में पदस्थ है जो तानाशाही और भ्रष्ट आचरण के पर्याय बन चुके हैं जो यहां के जनभावनाओं के एक दम से प्रतिकूल है और इन्हें सिंगरौली जिले से तत्काल प्रभाव से हटाया जाये। यह कि कई वर्षो तक जमें रहे कुछ पुलिस उपनिरीकों जिनकी पदोन्नति निरीक्षक के रूप में हो गई थी फलस्वरूप इनका स्थानान्तरण भी अन्यंत्र जिलों में हो गया था। पुनः वे सिंगरौली जिले में वापस आने की पुरजोर कोशिश में है। यह कि सिंगरौली जिले में लगभग एक सैकड़ा से भी अधिक पुलिस सहायक उपनिरीक्षक (ए.एस.आई.) है जिनकी पदस्थापना सिंगरौली जिले में बतौर सिपाही (कांस्टेबिल) के रूप में हुई थी और फिर पदोन्नत होकर के हेड कांस्टेबिल बने तब भी सिंगरौली में पदस्थ रहे और अब वे भी ए.एस.आई. के रूप में पदोन्नत हो चुके हैं इसके बावजूद भी सिंगरौली जिले में ही पदस्थ हैं और बतौर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक के रूप में भी इन लोगों का कार्यकाल लगभग तीन से पांच वर्ष तक पूर्ण हो चुका है। कुल मिलाकर इन सहायक उपनिरीक्षकों का कार्यकाल लगभग 16 से 20 वर्षों से भी उपर हो चुके है। अतः इन सभी को तत्काल प्रभाव से हटाकर अन्यंत्र जिलों में स्थानान्तरण किया जाये।