पीएम मोदी का दो दिवसीय कुवैत दौरा, खाड़ी देश में श्रमिक शिविर का भी करेंगे दौरा

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सभी खाड़ी देशों के साथ दीर्घकालिक, ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध पीएम मोदी शनिवार को कवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस प्रमुख पश्चिम एशियाई देश की पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की ऐतिहासिक यात्रा से पहले कहा भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। जिनकी जड़ें इतिहास में हैं और जो लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं।
पीएम को दिया जाएगा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर—
पीएम मोदी को बायन पैलेस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। जिसके बाद वे कुवैत के अमीर और क्राउन प्रिंस के साथ अलग अलग बैठकें करेंगे। इसके बाद कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। इस दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे।
श्रमिक शिविर का भी दौरा करेंगे पीएम—
यात्रा के दौरान पीएम मोदी एक सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत भी करेंगे और एक श्रमिक शिविर का भी दौरा करेंगे। वह कुवैत के अमीर के विशेष अतिथि के रूप में 26वें अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।” इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल- जबर अल-सबा के साथ विचार-विमर्श करेंगे। उनका देश में विशाल भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है।
कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय समुदाय—
विदेश मंत्रालय ने कहा भारत सरकार विदेश में काम करने वाले सभी श्रमिकों के कल्याण को बहुत महत्व देती है। कुवैत में हमारा समुदाय लगभग 10 लाख का है। श्रम शिविर की यात्रा का उद्देश्य यह दर्शाना है कि भारत सरकार विदेश में काम करने वाले हमारे श्रमिकों को कितना महत्व देती है। कुवैत वर्तमान में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की अध्यक्षता कर रहा है – जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर भी शामिल हैं। यह एकमात्र जीसीसी सदस्य देश है, जहां पीएम मोदी ने 2014 में पदभार संभालने के बाद से अब तक दौरा नहीं किया है। कोविड महामारी के कारण 2022 में प्रस्तावित यात्रा स्थगित कर दी गई। खाड़ी देश भारत के लिए प्रमुख व्यापार और निवेश साझेदार हैं, और नई दिल्ली की इन देशों के साथ मजबूत ऊर्जा साझेदारी भी है।