नशा त्यागने वाले आरोपियों/व्यक्तियों कि मुकदमों की होगी निशुल्क पैरवी

ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस संघर्ष परिषद एवं सरपंच महा परिषद के अध्यक्ष ब्रह्मांशी पंडित राजकुमार सिंह तिवारी ने माननीय आयुक्त रीवा संभाग रीवा एवं पुलिस महानिरीक्षक रीवा को संकल्प पत्र सौंपते हुए कहा कि, नशा नाश का जड़ है। नशा व्यक्ति का सर्व नाश करता है। अगर किसी नशा करने वाले अपराधी या व्यक्ति तथा नशा उन्मूलन हेतु प्रयास रत व्यक्ति एवं संस्था को झूठे मुकदमे में फसाया जाता है। तो यदि वह व्यक्ति एवं आरोपी नशा त्यागने एवं व्यक्ति तथा संस्था नशा मुक्ति हेतु प्रयास रत रहनेका संकल्प लेता है, तो उसके मुकदमों की पैरवी परिषद द्वारा निशुल्क कर हर संभव सहायता प्रदान कर शासन के नशा मुक्ति अभियान में सहयोग किया जाएगा। नशा करने वाले को समाज हेय दृष्टि से देखता है। वह परिवार समाज एवं राष्ट्र के लिए बोझ बनकर अपराध की ओर अग्रसर हो अभिशाप बन जाता है। यूएनओ की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 284 मिलियन लोग नशीली दावों का सेवन करते हैं। भारत दुनिया के सबसे बड़े अफीम बाजारों में से एक है। भारत बुरी तरह नशे की समस्या से जूझ रहा है। जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान हो रहा है। युवा नशे की लत के ज्यादा शिकार हैं, बढ़ती बेरोजगारी कैरियर आदि को लेकर। भारत में 1000 में 10 से ज्यादा अवसाद आदि बीमारी से पीड़ित है नशे के कारण। प्रत्येक 1000 में 15 व्यक्ति नशीली दवाओं और 25 लोग शराब सेवन के शिकार हैं।2022 में 10000 लोगों ने नशे की लत के कारण आत्महत्या किया। इनमें महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर 10634 मौतों के साथ । भारत सरकार ने नशा मुक्ति अभियान शुरू कर नशा मुक्ति और पुनर्वास सुविधा उपलब्ध कराई है। साथ ही अनेक प्रकार के कानून बनाए हैं। सरकार का 2047 तक भारत को मादक पदार्थ मुक्त करवाने का लक्ष्य है। संकल्प पत्र सौंपने वालों में अधिवक्ता राम रतन सिंह तिवारी, रुद्रम तिवारी, मानसी तिवारी आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।