डीजी जेल ने किया नवनिर्मित कैंटीन का लोकार्पण, जेल की कैंटीन में कैदियों के बनाए सामग्रियों की होगी बिक्री

ऑपरेशन टाईम्स सतना।। सेंट्रल जेल कैंटीन के नए भवन से अब आम नागरिक भी कोई भी सामग्री क्रय कर सकेंगे। वैसे तो केन्द्रीय जेल में जेल कर्मचारी सहकारी उपभोक्ता भंडार (कैंटीन) की स्थापना 19 दिसंबर 2003 को हुई थी लेकिन अभी तक संस्था का अपना भवन नहीं था। लम्बे समय से नवीन भवन की आवश्यकता महसूस हो रही थी जो कि शनिवार को पूर्ण हुई। जेल परिसर में ही कैंटीन का नवीन भवन निर्मित कर लोकार्पण किया गया। इस संस्था द्वारा बंदियों को जेल नियमानुसार स्वीकृत उपभोग की सामग्री उचित दर पर विक्रय की जाती रही है। बंदियों के साथ-साथ अधिकारी-कर्मचारी भी इस संस्था से सामग्री क्रय करते हैं। नवीन भवन बन जाने के बाद उसमें बंदी निर्मित वस्तु विक्रय भंडार भी संचालित किया जायेगा। इसमें जेल कारखाने में बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री दरी, आसनी, कम्बल, चादर, लकड़ी से निर्मित सजावटी सामग्री मूर्तियां, खिलौने, भगवान के झूले, अगरबत्ती स्टैंड, लकड़ी के कप, लकड़ी ट्रे एवं अन्य सामग्री आमजनों को विक्रय हेतु रखी गयी हैं। इस जेल कर्मचारी उपभोक्ता सहकारी भंडार से जेल के अधिकारी-कर्मचारी ही नही बंदियों से मुलाकात करने आने वाले परिजन, अन्य आमजन भी सामग्री का क्रय कर सकते हैं। इसका लोकार्पण शनिवार को जेल महानिदेशक गोविन्द प्रताप सिंह ने किया है। इस दौरान उनके साथ उनकी धर्मपत्नी निधि सिंह मौजूद रही।
22 वर्ष बाद मिला स्वयं का भवन—
जेल कर्मचारी सहकारी उपभोक्ता भंडार (कैंटीन) का अभी तक संस्था का अपना भवन नहीं था। लिहाजा 22 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद यह नसीब हुई है। इस संस्था की संरक्षक लीना कोष्टा जेल अधीक्षक एवं अध्यक्ष अशोक सिंह (सेवानिवृत्त विधि अधिकारी) है साथ ही स्थाई सदस्य भी है। विदित हो कि जेल में निर्मित सामग्री की बाहर बहुत मांग रहती है क्योकि यहां बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री न केवल अच्छे गुणवत्ता वाली होती है बल्कि बाजार दर से सस्ती होती है। इस संस्था में नियुक्त सदस्यों को प्रतिवर्ष लाभांश भी दिया जाता है।
जेल का भी किया निरीक्षण—
कैंटीन के लोकार्पण कार्यक्रम के साथ-साथ जेल डीजी ने जेल का निरीक्षण भी किया। जिसमें उन्होंने जेल की आदर्श गौशाला, महिला वार्ड, जेल अस्पताल, वीडियो कान्फ्रेसिंग, जेल कारखाना, पाकशाला, जेल पुस्तकालय तथा जेल में चल रहे नव निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने और सुधार के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर जेल अधीक्षक लीना कोष्टा, जेल उप अधीक्षक श्रीकान्त त्रिपाठी, सोनबीर सिंह कुशवाह, अशोक सिंह (सेवानिवृत्त विधि अधिकारी), कल्याण अधिकारी अनिरुद्ध कुमार तिवारी, अष्टकोण अधिकारी अभिमन्यु पांडेय, सहायक जेल अधीक्षक फिरोजा खातून, विनय त्रिपाठी के अलावा जेल स्टॉफ उपस्थित रहा।।