धर्मांतरण की शिकायत पर बहरी थाना पुलिस ने मयापुर में दी दबिश, दर्जन भर लोगों से की पूछताछ
जिस घर में लिखा ओम नमः शिवाय उसी घर में धर्मांतरण का खेल

आखिर धर्मांतरण का कौन है सरगना—
जिले में धर्मांतरण के चल रहे गोरखधंधा के पीछे सरगना कौन है यह सवाल सालों से उठ रहा है। पुलिस के समक्ष भी कई बार धर्मांतरण से जुड़े लोग सामने आए हैं किंतु उन पर सार्थक कार्यवाही न होने के कारण धर्मांतरण सीधी जिले में पांव पसार रहा है। जानकारों की मानें तो जिला मुख्यालय के समीप मड़रिया एवं कुछ अन्य गांवों में दलित समुदाय के लोगों द्वारा ईसाई धर्म को अपनाया गया है। लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए वह अपनी जाति नहीं बदलते। यह जरूर है कि हिंदू देवी-देवताओं की पूजा उनके द्वारा बंद कर दी गई है। इसी तरह अमिलिया थाना अंतर्गत सोनवर्षा अंचल में तो काफी संख्या में दलितों द्वारा बौद्ध धर्म को अपनाते हुए आधार कार्ड में भी जाति के स्थान पर बौद्ध जोड़ लिया गया है। यह सबकुछ पैसे की लालच में हो रहा है।
इनका कहना है—
सूचना मिली थी कि मयापुर स्कूल के पीछे धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। मैंने बहरी पुलिस को सूचना दी और मौके पर जाकर देखा तो 25-30 लोग मौजूद थे। इनमें कई लोग भाग गए लेकिन 10-12 लोगों को पुलिस अपने साथ बहरी थाना ले गई। जिन पर क्या कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई। यह स्पष्ट नहीं हो सका है। मैं चाहता हूं कि धर्मांतरण के मामले में सार्थक कार्यवाही हो।
ऋषि शुक्ला, गौरक्षा प्रमुख, बजरंगदल
मौके पर मिली बाइबल की किताब—
बजरंग दल एवं कुछ संगठनों की ओर से मयापुर में धर्मांतरण होने की सूचना दी गई थी। मौके पर पुलिस पहुंची और मौजूद लोगों से पूंछतांछ की गई। पुलिस की पूंछतांछ के दौरान यह सामने आया कि एक घर में उनके परिवार के लोग एवं दो रिश्तेदार ही उस दौरान मौजूद थे। ये अवश्य है कि मौके पर से पवित्र बाइबल की किताब मिली है लेकिन घर में कोई बाहरी लोग मौजूद नहीं थे। जिससे विवेचना के दौरान धर्मांतरण का मामला सामने नहीं आया है।
राकेश बैस, टीआई, थाना बहरी
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