रीवा जिला अस्पताल गैंगरेप कांड- नाबालिग की दर्दभरी दास्तान, पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध
गैंगरेप कांडः नाबालिग की दर्दभरी दास्तान, पुलिस की भूमिका संदिग्ध।

ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में दो दिन पहले बड़ी घटना को अंजाम दिया गया जिसमें नाबालिग से गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात के बाद अब पीड़िता, उसके परिजन और स्थानीय पत्रकारों की बातें सामने आने से पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और मिलीभगत की परतें खुल रही हैं। मामला जितना भयावह है। उससे कहीं अधिक डरावना है उस सिस्टम की संवेदनहीनता। जिसने पीड़िता को न्याय के बदले सवालों दबाव और धमकियों से घेर लिया।
नाबालिग पीड़िता की आपबीतीः दोस्ती के नाम पर ब्लैकमेल, फिर गैंगरेप—
नाबालिग लड़की ने मीडिया से बातचीत में जो बताया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। पीड़िता के अनुसार..! वह अपनी मां का इलाज कराने अस्पताल आई थी। ENT वार्ड की नर्स के कहने पर रजिस्टर में मोबाइल नंबर दर्ज कराया। जिसे आरोपी महेंद्र ने चुपके से निकाल लिया। अगले दिन महेंद्र ने फ्रेंड बनकर मैसेज किया। लड़की ने सोचा कोई सहेली होगी। इसलिए नंबर सेव कर लिया। लड़की ने जब व्हाट्सएप स्टेटस डाला, तो महेंद्र ने उसका स्क्रीनशॉट लेकर फोटो एडिट कर दी और धमकी दी कि यह वायरल कर देगा और परिजनों को भेज देगा। गले की दवा मांगने पर महेंद्र ने नशीली टैबलेट खिला दी। इसके बाद फोटो डिलीट करने का बहाना बनाकर सुपर स्पेशलिटी गेट के पास बुलाया और जबरन एक कमरे में ले जाकर अपने अन्य चार साथियों के साथ गैंगरेप किया। घटना में हर्ष, मनीष, सुरेंद्र, महेंद्र और विकास शामिल थे। पीड़िता के सिर और पैर में चोटें आई और आरोपियों ने धमकाया कि यदि उसने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा।।