
ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। मछलियों के प्रजनन काल में संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कलेक्टर कार्यालय, रीवा (म.प्र.) द्वारा जिले में दो माह के लिए मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश पत्र क्रमांक 133/मत्स्य/तक./2025-26 के तहत मध्यप्रदेश नवीन मत्स्योद्योग नियम 1972 की धारा 3 (2) के अंतर्गत 16 जून 2025 से 15 अगस्त 2025 तक के लिए लागू रहेगा। इस अवधि को (बंद ऋतु) (Close Season) घोषित किया गया है। इस दौरान जिले के समस्त जल स्रोतों जैसे नदियाँ, नाले, तालाब और जलाशयों आदि में मत्स्याखेट, मत्स्य विनिमय और परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इस कदम का उद्देश्य मछलियों की वंशवृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है।
निजी जल स्रोतों पर छूट—
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वे जल स्रोत जो किसी नदी या नाले से नहीं जुड़े हैं, जैसे निजी तालाब या कुएं, उन पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
उल्लंघन पर कड़ी कार्यवाही का प्रावधान—
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो मध्यप्रदेश राज्य मत्स्य क्षेत्र संशोधित अधिनियम 1981 की धारा 5 के अंतर्गत एक वर्ष तक का कारावास या ?5000 तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनसामान्य से अपील—
कलेक्टर कार्यालय ने जनता से अपील की है कि वे उक्त अवधि में मत्स्याखेट से बचें और किसी को भी ऐसा करने से रोकें। यह प्रतिबंध मछली संपदा के संरक्षण तथा जल स्रोतों की जैविक स्थिरता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रचार-प्रसार और निगरानी के निर्देश—
क्रमांक 134/मत्स्य/तक./2025-26 के तहत निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं- पुलिस अधीक्षक, जिला रीवा को आवश्यक कार्यवाही हेतु सूचित किया गया है। उप संचालक, मत्स्योद्योग रीवा संभाग को जानकारी प्रेषित की गई है। उप संचालक, जनसंपर्क विभाग को व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु निर्देशित किया गया है। सहायक संचालक, मत्स्योद्योग को निगरानी एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। समस्त इकाई प्रभारियों को अवैध मत्स्याखेट पर कड़ा नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।।