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रीवा में मौत की रफ्तार , नशे में धुत ड्राइवर ने तीन बसों में मारी टक्कर, दर्जनभर घायल – एंबुलेंस सेवाएं नाकाम

ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। शुक्रवार को रीवा जिले के चोरहटा थाना अंतर्गत बंसल वेयरहाउस के सामने हुए एक भीषण सड़क हादसे ने न केवल एक दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर दिया बल्कि आरटीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे में सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय पुलिस द्वारा संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया गया।

तेज़ रफ्तार, नशा और लापरवाह ड्राइविंग बनी हादसे की वजह—-
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सतना से रीवा आ रही साई बाबा ट्रैवल्स और तिवारी ट्रैवल्स की बसें बंसल वेयरहाउस के पास सड़क किनारे सवारियां उतार रही थीं। इसी दौरान पीछे से आ रही पुष्पराज ट्रैवल्स की कदैला बस तेज रफ्तार में थी और उसका ड्राइवर नशे में था। उसने दोनों खड़ी बसों में जोरदार टक्कर मार दी। जिससे दोनों बसें आगे खड़ी तीसरी बस से भी टकरा गई। हादसा इतना भयानक था कि दर्जनों यात्री घायल हो गए।

घायलों को नहीं मिली तत्काल एंबुलेंस, पुलिस बनी सहारा—
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि दुर्घटना के बाद घायलों को घंटों तक घटनास्थल पर ही एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई बार फोन करने के बावजूद कोई एंबुलेंस नहीं आई। आखिरकार चोरहटा थाना पुलिस ने अपनी गाड़ियों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस लापरवाही ने जिले की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है।

आरटीओ की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप—
बस ऑपरेटरों कागजात कागजात होने को के का कहना है कि वैध जानकार बावजूद उनसे बार-बार रूप से अयोग्य बसें लेती हैं। आसानी से परमिट पा जाते है।

जनता और बस संचालक दोनों नाराज़—
इस हादसे के बाद रीवा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की कार्यशैली भी कटघरे में आ गई है। सूत्रों और बस ऑपरेटरों का आरोप है कि वर्तमान आरटीओ अधिकारी मनीष त्रिपाठी के कार्यकाल में दिल्ली में कबाड़ घोषित बसों को भी परमिट जारी कर रीवा की सड़कों पर उतारा गया है। बस संचालकों ने घूसखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि फिटनेस के मानकों की अनदेखी कर असुरक्षित वाहनों को चलने दिया जा रहा है।

फैक्ट फाइल (घटना का संक्षिप्त विवरण)

▶ स्थान- वंसल वेयरहाउस के सामने, चोरहटा थाना क्षेत्र, रीवा

▶ घटनाक्रम- तीन बसों की भिड़ंत

▶ कुल घायल- 12 से अधिक

▶ गंभीर घायल – 7

▶ कारण- नशे में धुत ड्राइवर, तेज रफ्तार

▶ एंबुलेंस सेवा- घंटों देरी, पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल

▶ प्रशासनिक स्थिति- आरटीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप, जनता में रोष

▶ वर्तमान स्थिति- घायलों का इलाज जारी, पुलिस जांच में जुटी

रीवा की सड़कों पर दौड़ती असुरक्षित बसें,भ्रष्टाचार की शह और लचर आपात सेवाएं—-
यह हादसा महज एक दुर्घटना नहीं बल्कि सिस्टम की एक बड़ी विफलता है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इस चेतावनी को गंभीरता से लेंगे या अगली दुर्घटना का इंतजार करेंगे?

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