मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश से सीएम नाराज, कहा – मंत्रियों की गरिमा से कोई समझौता नहीं
हो सकती है कड़ी कार्रवाई सीएम ने दिये संकेत

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर लगे आरोपों की जांच कराने के आदेश का मामला गरमा गया है। मंगलवार 5 को कैबिनेट में यह मुद्दा उठा। अनौपचारिक कैबिनेट के दौरान ये मामला स्वयं पीएचई मंत्री ने उठाया। उनका साथ दूसरे मंत्रियों ने भी दिया और नियम-दंड प्रक्रिया का हवाला देकर मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश देने के निर्णय को मंत्री और कैबिनेट के लिये अपमानजनक बताया। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री की अनुमति के बगैर किसी मंत्री की जांच करने के आदेश जारी करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिये। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाले पूर्व विधायक किशोर समरीते के ट्रैक रिकॉर्ड पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई।
जांच बैठाने वाले के खिलाफ कार्रवाई होगी—
कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने भी जांच के आदेश देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अपने ही विभाग की मंत्री के खिलाफ जांच बैठाने वाले पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला—
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने पीएचई विभाग की मंत्री संपतिया उइके पर एक हजार करोड़ रुपए का कमीशन लेने का आरोप लगा दिया था। इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को जांच के लिये शिकायती पत्र भी दिया था। जिसके बाद पीएमओ ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद पीएचई के ईएनसी संजय अंधवान ने मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये थे।
मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है:- संपतिया उइके—
इससे पहले संपतिया उइके ने अपने निवास पर मीडिया से उन पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि वे पूरी तरह सही हैं। सांच को आंच नहीं। जिस तरह से भी जांच करें। संपतिया ने कहा कि जिस तरह से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। वह मुख्यमंत्री को पता है।।