नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा आईएनसी के चेयरमैन व सचिव को अवमानना नोटिस, फैकल्टी डेटा देने कहा
हाई कोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं पेश कीं मान्यता की फाइलें

ऑपरेशन टाईम्स जबलपुर।। प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले से जुड़ी जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। पूर्व आदेश का पालन नहीं करने पर हाई कोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस डीके पालीवाल की युगलपीठ ने आईएनसी के चेयरमैन और सेक्रेटरी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से युगलपीठ को नर्सिंग मामले की सिलसिले वार व तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई। बताया गया कि हाई कोर्ट के लगातार आदेश के बावजूद आईएनसी ने नर्सिंग कॉलेज की मान्यता देने से जुड़ी फाइलें पेश नहीं की हैं। कोर्ट के आदेशों की लगातार अवहेलना की जा रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आईएनसी की सेक्रेटरी को हाजिर होने कहा था लेकिन उस आदेश का भी पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से निवेदन किया गया कि मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की सत्र 2025-26 की मान्यता प्रक्रिया में आवेदन करने वाले कॉलेजों का डाटा उपलब्ध कराया जाए। ऐसा इसलिए ताकि उनकी गड़बड़ियों को कोर्ट के समक्ष रखा जा सके। यह भी मांग की सीबीआई की संपूर्ण जांच के दस्तावेज की सॉफ्ट प्रति भी उपलब्ध कराई जाए। हाई कोर्ट ने एमपी नर्सिंग काउंसिल और सीबीआई को उक्त डेटा याचिकाकर्ता को प्रदान करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि नर्सिंग से संबंधित जो भी नया प्रकरण आएगा, वो इस जनहित याचिका के साथ सुना जाएगा। उसकी एक कॉपी याचिकाकर्ता, आईएनसी व नर्सिंग काउंसिल को प्रदान करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वह याचिका निरस्त कर दी जाएगी।