एअर इंडिया विमान हादसे का ‘कारण’ पता लगा, AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट की पांच बड़ी बातें

नई दिल्ली।। अहमदाबाद में 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान बोइंग ड्रीमलाइनर बी-787-8 पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट में दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई बंद होना बताया गया है। हालांकि, विस्तृत जांच, विश्लेषण और साक्ष्य संग्रह अभी भी जारी हैं। इसलिए अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आया है। गौरतलब है कि 12 जून को एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान संख्या बी-787-8 ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 चालक दल के सदस्य सवार थे। हालांकि, उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड्स बाद विमान डॉक्टरों के हॉस्टल पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार लोगों समेत 260 लोगों की मौत हो गई थी और सिर्फ एक ही व्यक्ति जिंदा बचा था।
AAIB ने नागरिक विमानन मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट—
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अब इस हादसे पर अपनी रिपोर्ट नागरिक विमानन मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में विमान दुर्घटना के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण बताए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई बंद होना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ हो गए। इस कारण विमान के इंजन बंद हो गए। इसके अलावा, कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद के विश्लेषण से यह भी पता चला है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।
AAIB की रिपोर्ट में विमान दुर्घटना के ये पांच प्रमुख कारण बताए गए—
(1) इंजन विफलता का कारण—
एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक एअर इंडिया विमान संख्या बी-787-8 के दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से CUTOFF’ हो गए। इस कारण विमान के इंजन बंद हो गए। हालांकि, फिलहाल अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आया है। इंजन बंद होने के अन्य कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है।
(2) कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद—
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच के दौरान कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद का भी विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक CVR में दोनों पायलटों के बीच की बातचीत से यह स्पष्ट हुआ है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।
(3) रैम एयर टर्बाइन और ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) सक्रिय—
रिपोर्ट के मुताबिक विमान के ऑटोमैटिक सिस्टम ने ओपात परिस्थियों को देखते हुए स्वतः सहायता करने की कोशिश की, हालांकि, रैम एयर टर्बाइन और APU जैसी प्रणालियों को सक्रिय करने के बावजूद विमान क्रैश होने से नहीं बचाया जा सका।
(4) पायलटों का अनुभव—
जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि विमान के पायलट (कैप्टन) के पास उड़ान का कितना अनुभव था। इसके मुताबिक कप्तान के पास 15,000 घंटे से अधिक का अनुभव था, जबकि सह-पायलट के पास 3,400 घंटे उड़ान का अनुभव था।
12 जून को हादसा हुआ, एक महीने बाद जांच की स्थिति क्या है—
AAIB ने नागरिक नागरिक विमानन मंत्रालय के पास जमा की गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। विस्तृत जांच, विश्लेषण और साक्ष्य संग्रह अभी भी जारी हैं। यही कारण है कि फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।