सियासत, साजिश और हत्या- प्रेम प्रसंग में किशोर की हत्या का मास्टरमाइंड निकला भाजपा नेता, 11 महीने बाद तीन आरोपी गिरफ्तार

ऑपरेशन टाईम्स मऊगंज।। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत देवरी सेंगरान गांव में घटित एक वर्ष पुरानी हत्या की गुत्थी को आखिरकार पुलिस ने सुलझा लिया है। यह मामला न केवल एक निर्दोष किशोर की हत्या तक सीमित रहा, बल्कि सत्ता, सियासत और समाज के त्रिकोण में पनपी एक भयावह साजिश का भी पर्दाफाश करता है। पुलिस ने इस जघन्य कांड में भाजपा युवा मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। मामला 15 अगस्त 2024 की रात का है, जब देवरी सेंगरान गांव निवासी 17 वर्षीय सुमित शर्मा, पिता सुभाष चंद्र शर्मा, मोबाइल पर बातचीत करते हुए रात करीब 9 बजे घर से बाहर निकला था। परिजनों ने समझा वह थोड़ी देर में लौट आएगा, लेकिन जब देर रात तक वह वापस नहीं आया और कॉल पर कोई उत्तर नहीं मिला, तब चिंता गहराई। अगली सुबह 16 अगस्त को गांव से लगभग 300 मीटर की दूरी पर खेत में उसका शव बरामद हुआ। सुमित के शरीर पर चाकू के कई गहरे घाव थे और हाथ-पैरों पर गर्म रॉड से जलाए जाने के निशान भी मिले। घटनास्थल का दृश्य अत्यंत वीभत्स था। नईगढ़ी पुलिस ने तत्काल हत्या का मामला दर्ज कर जांच प्रारंभकी, लेकिन शुरुआती महीनों में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। कॉल डिटेल्स खंगालने, गांव में पूछताछ करने और सामाजिक संबंधों की गहराई से पड़ताल के बावजूद पुलिस के हाथ खाली थे। बावजूद इसके, थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में टीम ने लगातार गांव में निगरानी बनाए रखी और संभावित कारणों व संदिग्धों की जांच जारी रखी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक सुमित शर्मा का गांव की एक लड़की से प्रेम संबंध था। यह प्रेम संबंध पिछले दो वर्षों से चल रहा था। जिससे लड़की के परिजन असहमति जताते थे। पुलिस को शक हुआ कि कहीं यह मामला इज्जत के नाम पर हत्या से तो जुड़ा नहीं। लगातार गहराई से की गई पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों की पड़ताल के बाद मामला उस वक्त नया मोड़ लेता है। जब बीते सप्ताह तीन संदिग्ध युवकों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। इनमें से एक था भाजपा युवा मोर्चा का मंडल उपाध्यक्ष दुर्गेश तिवारी। पूछताछ में जब पुलिस ने कॉल डिटेल्स, घटनास्थल के साक्ष्य और संदिग्ध गतिविधियों को सामने रखा तब तीनों आरोपी दुर्गेश तिवारी, अर्पित त्रिपाठी और अनीत त्रिपाठी टूट गए और अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि प्रेम प्रसंग को लेकर वे नाराज़ थे और सुमित को रास्ते से हटाने की योजना पहले ही बना चुके थे। 15 अगस्त की रात दुर्गेश ने सुमित को अपने घर बुलाया, जहां तीनों पहले से मौजूद थे। सुमित जैसे ही कमरे में पहुंचा, उसे धक्का देकर गिराया गया और चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। पहचान छिपाने और साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से मृतक के हाथ-पैर गर्म रॉड से जलाए गए। हत्या के बाद आरोपी सुमित के शव को गांव के कूड़े के ढेर की ओर ले जा रहे थे ताकि उसे जलाकर साक्ष्य मिटाया जा सके। लेकिन इस दौरान ग्रामीणों की नजर उन पर पड़ गई और शोर मचने पर वे शव को खेत में ही फेंककर भाग निकले। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने लगातार सटीक निगरानी, स्थानीय मुखबिरों की मदद और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए अंततः 11 महीने बाद इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश किया।।