सिंगरौली में पाठ्य पुस्तके भी माफिया के नजरों से नही है महफूज:-जिलाध्यक्ष “ज्ञानेन्द्र द्विवेदी”

ऑपरेशन टाइम्स सिंगरौली।। मध्यप्रदेश के भ्रष्ट भाजपा सरकार में शिक्षा अब ज्ञान का संस्थान नहीं धन अर्जन का साधन और राजनीति का केंद्र बनकर रह गया है। भारतीय जनता पार्टी के केंद्र और प्रदेशों की सरकारों के संरक्षण में बीते 10 वर्षों से स्वास्थ्य, शिक्षण और प्रशिक्षण के नाम पर लाखों संस्थान देश भर में राजनेताओं , बाहुबलियों तथा भ्रष्ट नौकरशाहों के संचालित हुए हैं। यह धन लुटेरे जमातियों की ही पुस्तक माफिया पैदा करने तथा सरकारी शिक्षा समाप्त करने की नफरती मानसिकता का प्रतीक है। सिंगरौली जिले के ब्लॉक चितरंगी के बाद देवसर ब्लाक के कूंदवार पुलिस चौकी में पाठ्य पुस्तको से भरी पिकप के पकड़े जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला कांग्रेस सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि चितरंगी पुस्तक विक्रय प्रकरण में कठोर दंडात्मक कार्यवाही के बाद भी निडरता के साथ पुस्तकों का बदनियत पूर्वक परिवहन को कोई साधारण परिस्थित मानकर टालना उचित नहीं होगा। ऐसा प्रतीत होता है कि यह गरीब, ग्रामीण, किसान ,मजदूर वर्ग को शिक्षा से दूर रखने के नफरती उच्च साजिश के तहत सिंगरौली जिला में पुस्तक माफियाओं की सक्रियता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इस घृणित सोच के तार कहां से जुड़े हैं। इसकी सूक्ष्म जांच शासन और प्रशासन को करने और शिक्षा के पवित्र संस्था को कलंकित करने वाले उन सभी दागदार चेहरों को बेनकाब करने की अत्यंत आवश्यकता है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री द्विवेदी ने कहा की इस तरह के कार्य सरकार और शिक्षा विभाग के बड़े स्तर के सरंक्षण अथवा नाकामी के बिना असम्भव है। बिडंबना यह है कि आज शासकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने, शिक्षकों की कमी पूरा करने , पुराने भवनों के स्थान पर नए भवन बनाने या क्षतिग्रस्त भवनो के मरम्मत तक में शासन प्रशासन की रुचि नहीं है। इतना ही नहीं अनेक शिक्षकों को शिक्षण कार्य से अलग कर उन्हें अन्य कार्यालयों में संलग्न करने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा पूर्व से किया जा रहा है और अभी तक लगातार मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने के आदेश के बाद भी निरंतर प्रक्रिया चल रही है ।शासकीय विद्यालयों में अध्ययन कर रहे ग्रामीण गरीब छात्रों को निशुल्क प्रदाय की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों की तिजारत अत्यंत अति निंदनीय कार्य है। इस कार्य में संलिप्त मोहरों पर प्रशासनिक कार्यवाही उचित है किंतु सरकार को अपने सज्ञान में लेकर मास्टरमाइंड लोगों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे भविष्य में शिक्षा को कलंकित एवं शासकीय शिक्षण संस्थानों को समाप्त करने के नापाक साजिश रचने वाले चेहरे बेनकाब हों और शिक्षा जैसे पवित्र संस्था में ऐसे कृत्य की पुनरावृत्ति नहीं हो।।